N1Live Haryana ब‍िगड़ चुका है अरविंद केजरीवाल का दिमागी संतुलन : कृष्ण बेदी
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ब‍िगड़ चुका है अरविंद केजरीवाल का दिमागी संतुलन : कृष्ण बेदी

Arvind Kejriwal's mental balance has deteriorated: Krishna Bedi

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने अरविंद केजरीवाल द्वारा जाटों को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र को लिखे पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा कि केजरीवाल का दिमाग सटक चुका है, केंद्र पहले से ही इस मुद्दे पर काम कर रहा है। बेदी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल चुनाव के दौरान वोटों के बिखराव को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल कभी मुफ्त योजनाओं, कभी जातिवाद, कभी पुजारी और कभी मौलवी की बात करते हैं।”

कृष्ण बेदी ने यह भी कहा कि 2 जनवरी से वह दिल्ली में हैं और हर वर्ग के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश का केजरीवाल से मोह भंग हो चुका है। बेदी के अनुसार, “केजरीवाल नए-नए मुद्दे उठाकर चुनाव को रोचक बनाना चाहते हैं, लेकिन लोग अब उनकी बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।”

बेदी ने यह कहा कि केजरीवाल को पंजाब और दिल्ली में लोग भुगत रहे हैं, क्योंकि वह पहले बड़े-बड़े वादे करते हैं और फिर कहते हैं कि केंद्र उनकी योजनाओं को लागू नहीं करने दे रहा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की लोकप्रियता का ग्राफ गिर चुका है, इसलिए वह अब नई बातें कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल चुनाव के दौरान हमेशा नए-नए मुद्दे उठाते हैं। कभी वह मुफ्त सुविधाओं की बात करते हैं, कभी किसानों, जातिवाद, पुजारियों, मौलवियों की बात करते हैं। यह सब चुनावी स्टंट होते हैं, ताकि वह लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकें। पहले वह कहते थे कि केंद्र सरकार के साथ काम नहीं हो पा रहा है, अब चुनाव के दौरान वह नए-नए वादे करने में जुटे हैं। पुजारियों व ग्रंथ‍ियाें को 18,000 रुपये देने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जैसे ही चुनाव खत्म होंगे, केजरीवाल केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को दोषी ठहराएंगे, और कहेंगे कि उन्हें काम करने नहीं दिया जाता। दिल्ली की जनता अब समझ चुकी है कि केजरीवाल के वादे सिर्फ चुनावी हथकंडे हैं। इसलिए लोग अब यह सोच रहे हैं कि क्यों न दिल्ली में भी एक मजबूत “डबल इंजन” की सरकार बनाई जाए, जैसा कि अन्य राज्यों में है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पहले भी चुनावों में कई वादे किए थे, लेकिन वह पूरे नहीं किए। अब लोग समझ गए हैं और इस बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।

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