पंचकूला : सैकड़ों आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर आज सेक्टर-2 से चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने उन्हें सेक्टर 7-8 गोलचक्कर पर रोक लिया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि सभी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए कार्यकर्ता पिछले 17 वर्षों से विभाग और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में स्वास्थ्य विभाग की सेवा कर रहे हैं. राज्य सरकार ने उन्हें स्वयंसेवक बताते हुए उनकी सेवाओं को नियमित करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने राज्य सरकार के कर्मचारी विरोधी रवैये की निंदा की और मांग की कि सभी श्रमिकों को स्थायी नौकरी दी जाए और न्यूनतम वेतन के रूप में 26,000 रुपये के अलावा सेवानिवृत्ति लाभ सहित सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाएं।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस के प्रदेश महासचिव जय भगवान ने कहा कि सरकार लगातार जनविरोधी और मजदूर विरोधी फैसले ले रही है. सरकार ने 29 श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिताएं लायी थीं, जिनके जरिये वह यूनियन बनाने के अधिकार पर प्रहार कर रही थी और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता था.
आखिरी रिपोर्ट आने पर आशा कार्यकर्ताओं ने गोलचक्कर पर अपना धरना जारी रखा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे जब तक स्वास्थ्य मंत्री उनसे बातचीत नहीं कर लेते।
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