जयपुर, 25 नवंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा को सोमवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले, क्राइम ब्रांच ने इस मामले में कई बार उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। पहले तो हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।
केंद्र सरकार में संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद लोकेश शर्मा पर यह मामला दर्ज हुआ। क्राइम ब्रांच अभी इस मामले की जांच कर रही है।
लोकेश शर्मा पर फोन टैपिंग की सीडी मीडिया में लीक करने का आरोप है। आज भी उन्हें क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लोकेश शर्मा ने खुद इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
वह क्राइम ब्रांच के समक्ष मामले में अपनी भूमिका से साफ इनकार कर चुके हैं। उन्होंने बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत ने जो उन्हें ऑडियो दिया था। उन्होंने बस उसे आगे भेजा। इसके अलावा पूरे मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
लोकेश शर्मा ने कहा कि वह पहले भी इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच का सहयोग कर रहे थे और आगे भी करते रहेंगे। आगे जो भी जांच होगी, उसमें वह सकारात्मक भूमिका ही निभाएंगे। इसके अलावा, इस संबंध में जो भी साक्ष्य हैं, उसे वह आगे सौंप चुके हैं।
लोकेश शर्मा ने हाल ही में एफआईआर निरस्त करने की मांग वाली अपनी याचिका हाई कोर्ट से वापस ले ली थी। लोकेश शर्मा ने कहा था कि 25 सितंबर को पूछताछ के दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस को अपना बयान दर्ज करवा दिया था। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में सबूत भी सौंप दिए गए हैं।
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