मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, शीर्ष पुलिस अधिकारियों और सैकड़ों स्थानीय लोगों सहित शोक व्यक्त करने वालों की एक बड़ी भीड़ ने एएसआई संदीप लाठर को अश्रुपूर्ण विदाई दी, जिनका गुरुवार दोपहर जींद जिले के जुलाना शहर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
42 वर्षीय लाठर की मंगलवार को रोहतक जिले के लाढौत गांव में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली गई। इससे एक सप्ताह पहले 7 अक्टूबर को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली थी। सूत्रों ने बताया कि आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या की जांच कर रही चंडीगढ़ पुलिस ने रोहतक का दौरा किया था और लाठर समेत कई पुलिसकर्मियों से पूछताछ की थी।
उनके परिवार में पत्नी संतोष देवी और तीन बच्चे – प्रतिभा, रूपक और विहान हैं। पीजीआईएमएस रोहतक में पोस्टमार्टम के बाद दोपहर करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर लाया गया। वार्ड नंबर 4 की संकरी गलियाँ ग्रामीणों से भरी हुई थीं, जो उनके पार्थिव शरीर को ले जा रही फूलों से सजी एम्बुलेंस के गुजरने पर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े थे।
कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा, रणबीर गंगवा, श्रुति चौधरी और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट सहित हरियाणा के कई मंत्री, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली और डीजीपी ओपी सिंह ने दाह संस्कार में भाग लिया और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी।
स्थानीय लोग लाठर को “दोस्तों का दोस्त” और ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले एक समर्पित अधिकारी के रूप में याद करते हैं। जुलाना में प्रचलित भावना को दर्शाते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “यह आत्महत्या नहीं, बलिदान है।”
मोटरसाइकिल एजेंसी चलाने वाले उनके दोस्त अर्जुन पंडित ने ‘द ट्रिब्यून’ से बात करते हुए रविवार को हुई अपनी आखिरी मुलाकात को याद किया। पंडित ने बताया, “आईपीएस अधिकारी की मौत के बाद के घटनाक्रम से वह परेशान लग रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा, ‘ये आसानी से नहीं सुलझेगा।'”