June 30, 2025
National

असीम मुनीर का बयान राजनीतिक, आंतकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रुख : प्रफुल्ल बख्शी

Asim Munir’s statement is political, India has a tough stand against terrorism: Praful Bakshi

पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में कराची में आयोजित पाकिस्तान नेवी के पासिंग आउट परेड के दौरान कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से उठाया। उन्होंने अपने भाषण में भारत पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर “दुश्मन” तनाव बढ़ाता है, तो इसके पूरे क्षेत्र में “विनाशकारी परिणाम” होंगे, और इसका जिम्मेदार केवल “दुश्मन” ही होगा।

रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने मुनीर के बयान को राजनीतिक बयानबाजी करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत से करारी हार का सामना किया। इस हार को छिपाने के लिए मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया। उनका यह बयान क्षेत्रीय स्थिरता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश है, जबकि हकीकत में भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहा है।

बख्शी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान को अब अंतर्राष्ट्रीय समर्थन, खासकर अमेरिका और चीन से, मिल रहा है। अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को “करीबी दोस्त” करार दिया है और उसे आतंकवादी देश की श्रेणी से हटा दिया है। वहीं, चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति और समर्थन दे रहा है।

बख्शी ने चेतावनी दी कि चीन और बांग्लादेश के साथ मिलकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ एक नया मोर्चा खोलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित ठिकाने प्रदान कर रहा है। यह भारत के लिए गंभीर खतरा है। ”

बख्शी ने जोर देकर कहा, “चीन, बांग्लादेश और नेपाल सीमा पर गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। अमेरिका की बंगाल की खाड़ी में सैन्य गतिविधियां और बांग्लादेश के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत के लिए चिंता का विषय हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य तैयारियां जारी रहनी चाहिए। आने वाले दिनों में कुछ ऐसा होने वाला है, यह सोच कर रखना पड़ेगा। हमारी खुफिया विभाग को अलर्ट रहना चाहिए। चीन की एक्टिविटी क्या है, बांग्लादेश के एक्टिविटी क्या है, नेपाल बॉर्डर से लेकर बांग्लादेश के साथ सिलीगुड़ी के साथ और बंगाल में क्या हो रहा है, इन सब की जानकारी हमारी खुफिया एजेंसी को होनी चाहिए। हमारी तैयारी को और मजबूत होनी चाहिए। हमारा जो ऑपरेशन सिंदूर है, उसके ऑब्जेक्टिव को एकदम क्लियर रखना होगा। आतंकवाद के खिलाफ हम जो काम कर रहे हैं, उसमें किसी तरीके की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। हमें पीओके को कैसे लेना है। उसके बारे में हमें सोचना होगा।

भारत ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। जिसको लेकर रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने कहा कि भारत की स्थिति वह नहीं है, जो पहले कभी हुआ करती थी। भारत अब उस मुकाम पर पहुंच गया है कि जो वह सोचता है, वही करता है और वह हिम्मत रखता है कि वह मौके पर ही मना कर दे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब स्टेटमेंट में देखा कि इसमें पहलगाम की घटना का जिक्र ही नहीं है, हर जगह बलूचिस्तान का जिक्र है, पाकिस्तान के इलाकों में जो घटनाएं हुई है, उसका जिक्र है। पहलगाम की घटना का कोई जिक्र नहीं था, इसलिए उन्होंने साइन नहीं किया। इससे पता चलता है कि भारत का स्टैंड क्या है। वह यह सोच कर आए थे कि भारत आसानी से साइन कर देगा। अब वह बात नहीं हुई इसका मतलब यह है कि अब सभी देश अपना-अपना रवैया चेंज करेंगे। इसके लिए हमें आगे की सोच रखनी होगी।

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