शिमला, 30 अप्रैल हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) ने गठबंधन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) और एशियाई आपदा तैयारी केंद्र (एडीपीसी) के सहयोग से “महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में आपदाओं के कारण वित्तीय जोखिमों के आकलन” पर एक कार्यशाला आयोजित की।
परिवहन (सड़क और पुल) और ऊर्जा (बिजली) क्षेत्रों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर आपदाओं के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और नेटवर्क प्रभावों को पकड़ने के लिए राजकोषीय जोखिम मूल्यांकन ढांचा विकसित करने के लिए प्रमुख विभागों और अन्य हितधारकों के साथ कार्यशाला आयोजित की गई थी।
विभिन्न सरकारी विभागों, अनुसंधान और तकनीकी संस्थानों, शिक्षाविदों और गैर-सरकारी एजेंसियों के 80 से अधिक प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया और चर्चा की कि जलवायु और आपदा-लचीले बुनियादी ढांचे के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के सहयोग को कैसे मजबूत किया जाए।
उद्घाटन सत्र के दौरान बोलते हुए, विशेष सचिव (राजस्व) डीसी राणा (आईएएस) ने भविष्य की आपदाओं के लिए प्रत्येक क्षेत्र और विभागों की तैयारियों के व्यापक मूल्यांकन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2023 की बाढ़ के बाद, आपदा मूल्यांकन और लचीली रिकवरी की सख्त जरूरत है।
हिमाचल सरकार में नियोजन सलाहकार बसु सूद ने आपदा से हुए नुकसान और पुनर्प्राप्ति तथा पुनर्निर्माण में धन के अंतर पर प्रकाश डाला।
एडीपीसी के उप कार्यकारी निदेशक, असलम परवेज़, जो अध्ययन का नेतृत्व कर रहे हैं, ने विश्लेषणात्मक ढांचे, डेटा स्रोतों और सांख्यिकीय विश्लेषण विधियों पर वित्त, योजना, ऊर्जा, परिवहन और अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ गहन जुड़ाव की आवश्यकता पर बल दिया। भविष्य के लिए वित्तीय आवश्यकता का बेहतर अनुमान।