नई दिल्ली, 15 नवंबर । छत्तीसगढ़ विधानसभा 2023 का चुनाव फिर से लड़ रहे 66 विधायकों में से 60 विधायकों की परिसंपत्ति में 2018 की तुलना में पांच प्रतिशत से लेकर 3,340 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संपत्ति में 10.33 करोड़ रुपये (45 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है।
यह रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में फिर से चुनाव लड़ रहे 66 विधायकों के स्व-शपथ पत्रों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है।
मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, दोबारा चुनाव लड़ रहे 66 विधायकों में से 60 विधायकों (91 फीसदी) की परिसंपत्ति 5 फीसदी से लेकर 3,340 फीसदी तक बढ़ गई है, और छह विधायकों (9 फीसदी) की परिसंपत्ति माइनस 4 फीसदी से माइनस 35 फीसदी तक घट गई है।
साल 2018 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा फिर से चुनाव लड़ रहे इन 66 विधायकों की औसत परिसंपत्ति 12.98 करोड़ रुपये थी, जो 2023 में 13.74 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट के अनुसार, “छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 और 2023 के बीच इन 66 दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों की औसत परिसंपत्ति वृद्धि 76.45 लाख रुपये है।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोबारा चुनाव लड़ रहे इन 66 विधायकों की परिसंपत्ति में औसत प्रतिशत वृद्धि 6 प्रतिशत है।
तखतपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक रश्मि आशीष सिंह ने परिसंपत्ति में अधिकतम 12.70 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की है, यानी 2018 में 8.73 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 21.44 करोड़ रुपये हो गई है।
जबकि आरंग (एससी) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के शिवकुमार डहरिया की परिसंपत्ति 10.99 करोड़ रुपये बढ़ गई है। जो 2018 में 2.37 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 13.37 करोड़ रुपये हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक बघेल की संपत्ति 10.33 करोड़ रुपये बढ़ गई है, जो 2018 में 23.05 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 33.38 करोड़ रुपये हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बघेल की संपत्ति में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है।
यहां तक कि बेमेतरा विधानसभा सीट से विधायक आशीष छाबड़ा की परिसंपत्ति भी 8.15 करोड़ रुपये बढ़ गई है। जो 2018 में 6.61 करोड़ रुपये से बढ़कर 14.76 करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें 126 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
इस बीच, रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक बृजमोहन अग्रवाल की संपत्ति में भी 7.35 करोड़ (72 प्रतिशत) की वृद्धि देखी गई, जो 2018 में 10.14 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 विधानसभा चुनाव में 17.49 करोड़ रुपये हो गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में दोबारा चुनाव लड़ रहे 49 विधायकों की परिसंपत्ति में औसत वृद्धि 3.19 फीसदी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में 49 विधायकों की औसत संपत्ति 15.32 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 15.80 करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें 48.83 लाख रुपये का उछाल देखा गया है। इस बीच, छत्तीसगढ़ में दोबारा चुनाव लड़ रहे 12 विधायकों की औसत परिसंपत्ति में 19.05 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
साल 2018 में 12 विधायकों की औसत संपत्ति 7.67 करोड़ रुपये थी, जो अब 1.46 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 9.13 करोड़ रुपये हो गई है।
छत्तीसगढ़ में बसपा के दोबारा चुनाव लड़ रहे 2 विधायकों की औसत संपत्ति में 67.81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2018 में दोनों विधायकों की औसत संपत्ति 2.04 करोड़ रुपये थी, जो अब 1.38 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 3.42 करोड़ रुपये हो गई है।
छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के दोबारा चुनाव लड़ रहे दो विधायकों की औसत संपत्ति में 49.59 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2018 में दोनों विधायकों की औसत संपत्ति 4.77 करोड़ रुपये थी, जो अब 2.36 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 7.14 करोड़ रुपये हो गई है।
छत्तीसगढ़ में दोबारा चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय विधायक की संपत्ति में औसत वृद्धि 256.78 प्रतिशत है। 2018 में विधायकों की औसत संपत्ति 57.71 लाख रुपये थी, जो अब 1.48 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 2.05 करोड़ रुपये हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 70 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होना है। 20 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को हुआ था। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।