केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जन्म जयंती पर याद करते हुए कहा कि वाजपेयी राजनीति के अजातशत्रु थे, जिन्होने भारत का दुनिया के सामने मान बढ़ाया।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर स्मरण किया। उन्होंने ग्वालियर अंचल के देश के लिए दिए गए योगदान को याद किया और अटल बिहारी से जुड़े प्रसंगों का जिक्र किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र ने अनेक सदियों तक भारत को कई मायने में ऊर्जा और गति देने का काम किया है। जब मुगलों के सामने लड़ना था तब यहीं से लड़ाई की शुरुआत हुई। तानसेन से लेकर आज तक सांस्कृतिक विरासत को शक्ति देने का काम किया। इस क्षेत्र के किसानों ने हमेशा इस देश की कृषि को नई दिशा गति और ऊर्जा भी दी है। सबसे बड़ी बात, इसी क्षेत्र ने आजादी के कालखंड के बाद बड़ी मात्रा में पैरामिलिट्री फोर्स और मिलिट्री में जवान देने का काम किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का बड़ा कालखंड इसी क्षेत्र में बीता और अटल को अटल बिहारी बनाया। उन्होंने न केवल इस देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाने में मदद की बल्कि पूरे जीवन स्वराज को सुशासन तक की यात्रा को आगे ले जाने का काम किया। उन्होंने उस जमाने में जब अंग्रेजी का बोलबाला था तब यूएन की परिषद में हिंदी में भाषण करके पूरे भारत का दिल जीतने का काम किया। जब वे प्रधानमंत्री बने उस समय देश के जनजाति के लिए कोई अलग विभाग नहीं था। उनके नेतृत्व में ही भारत सरकार में जनजाति विभाग बनने का काम हुआ और जनजातीय कल्याण की नई यात्रा शुरू हुई।
पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अधोसंरचना के क्षेत्र में हुए कार्यों की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने तब देश के अधोसंरचना में निवेश को वोट पाकर चुनाव जीतने का जरिया नहीं माना जाता था। कांग्रेस की इस दकियानूसी विचारधारा को तोड़कर अटल बिहारी वाजपेयी ने चतुर्भुज मार्ग बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने पूरी दुनिया के सामने परमाणु शक्ति का इस्तेमाल शांति के लिए करने का सिद्धांत प्रस्तावित किया।
इतना ही नहीं, दुनिया भर के दबाव के विरुद्ध जाकर भारत को परमाणु शक्ति बनाने का काम किया था। कारगिल में घुसपैठ के बाद उन्होंने सभी तरह के दबावों को दरकिनार करते हुए अपना रुख स्पष्ट किया था कि शांति का प्रयास करने पर हमारे साथ पाकिस्तान ने धोखा किया। अब तब तक चर्चा नहीं हो सकती, जब तक घुसपैठियों को खदेड़ नहीं दिया जाता।
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी लोक कल्याण के समर्पित नेता थे और सबसे बड़ी बात थी राजनीति में रहकर भी अजातशत्रु बनकर मृत्यु का वरण करना, जो बहुत मुश्किल होता है। वे पूरे जीवन अजातशत्रु रहे; उनके विरोधी भी उन पर कुछ भी नहीं बोल सकते। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने दो लाख करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया।

