श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार एवं तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने 2017 में मौड़ मंडी बम विस्फोट के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, जो इस आतंकवादी घटना में मारे गए अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों के लिए अभी भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
आपको बता दें कि बैठक के दौरान पीड़ित परिवारों ने जत्थेदार गर्गज के साथ पूरी घटना को विस्तार से साझा किया कि किस तरह 31 जनवरी 2017 को उनके पड़ोस में एक राजनीतिक रैली के दौरान बम धमाका हुआ था, जिसमें पांच बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी।
परिवारों ने बताया कि उनके बच्चे पड़ोस में खेल रहे थे, तभी वहां आयोजित एक राजनीतिक रैली के पास बम विस्फोट हुआ और उनके बच्चे राजनीति का शिकार हो गए।
इस आतंकी घटना में मौड़ मंडी निवासी अंकुश सिंगला, जपसिमरन सिंह, वरखा रानी, रिपनदीप सिंह, सौरव सिंगला, अशोक कुमार और हरपाल सिंह की मौत हो गई थी। परिवारों ने जत्थेदार को बताया कि न्याय के लिए लंबे संघर्ष के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज ने पीड़ित परिवारों को तुरंत न्याय दिलाने की बात करते हुए पंजाब सरकार से सवाल किया कि वह आज तक इस घटना को अंजाम देने वाले लोगों तक क्यों नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को न्याय पाने का अधिकार है।
पंजाब की संस्कृति पूरी तरह से न्यायपूर्ण है, हमारे लोगों में सामाजिक मूल्य हैं। इस कारण जनमानस में यहां अपराध दर अन्य सभी राज्यों की तुलना में कम है। लेकिन इसके बावजूद पंजाब की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां की व्यवस्था न्यायविहीन है। न्याय के अभाव का एक प्रमुख उदाहरण मौर मंडी बम विस्फोट के पीड़ित परिवार हैं, जो 2017 से इस आतंकवादी कृत्य के अपराधियों की सजा का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
उन्होंने पूछा कि सरकारें न्याय प्रदान करने के बजाय इन कृत्यों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को क्यों बचा रही हैं, यहां तक कि उनका संरक्षण भी क्यों कर रही हैं। जत्थेदार गर्गज ने पूछा कि क्या ये पीड़ित इस देश के नागरिक नहीं हैं और इन्हें न्याय कब मिलेगा? उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी अब सरकारी संरक्षण में जीवन का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कल इन परिवारों में से कोई भी न्याय मांगने जाएगा तो यही सरकारी मशीनरी उन्हें आतंकवादी बताकर तीस साल के लिए जेल में डाल देगी।
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