बहादुरगढ़ के फुटवियर उद्योगपतियों ने उद्योग को घाटे से बचाने के लिए फुटवियर पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 12% से घटाकर 5% करने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया है और उनसे फुटवियर क्षेत्र को आवश्यक बढ़ावा देने के लिए उनके अनुरोध पर विचार करने का आग्रह किया है।
बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र छिकारा ने कहा, “बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क देश का सबसे बड़ा नॉन-लेदर फुटवियर हब है, जिसके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 2,500 से अधिक इकाइयां जुड़ी हुई हैं। यहां रोजाना करीब एक करोड़ जोड़ी फुटवियर का निर्माण होता है, जो देश के नॉन-लेदर फुटवियर उत्पादन का 60 प्रतिशत है। जनवरी 2022 में 1,000 रुपये तक की कीमत वाले फुटवियर पर जीएसटी दर 5% से बढ़ाकर 12% कर दी गई थी। इस बढ़ोतरी ने न केवल फुटवियर उद्योग के विकास में बाधा डाली है, बल्कि आम आदमी पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी डाला है।”
उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में वृद्धि ने व्यापार को काफी हद तक प्रभावित किया है, क्योंकि 90% फुटवियर उत्पादों की कीमत 1,000 रुपये से कम थी। ये किफायती उत्पाद मुख्य रूप से आम लोगों द्वारा खरीदे जाते थे, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोग। जीएसटी दर में वृद्धि के कारण फुटवियर की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, जिससे वे कई लोगों के लिए वहनीय नहीं रह गए हैं। इसके अलावा, वृद्धि के कारण क्षेत्र में फुटवियर की बिक्री में 25% की गिरावट आई है, उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा, “फुटवियर पर 12% जीएसटी दर बहुत ज़्यादा है, इसलिए हम जीएसटी को घटाकर 5% करने की अपनी मांग को पूरा करवाने के लिए सरकार और अन्य अधिकारियों के साथ लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। इस बार उद्योगपतियों को आगामी केंद्रीय बजट में फुटवियर पर जीएसटी दर के संबंध में राहत की उम्मीद है।”