N1Live National हमलावर की पत्नी बोली -सुखबीर बादल पर हमले के बारे में कुछ नहीं पता, जो हुआ बिल्कुल गलत
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हमलावर की पत्नी बोली -सुखबीर बादल पर हमले के बारे में कुछ नहीं पता, जो हुआ बिल्कुल गलत

Attacker's wife said - I don't know anything about the attack on Sukhbir Badal, what happened was absolutely wrong.

अमृतसर, 4 दिसंबर । शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह की पत्नी जसमीत कौर ने बड़ा बयान दिया है।

जसमीत कौर ने बताया कि उसका पति नारायण सिंह घर से करीब पौने 6 बजे निकला था। घर पर वह यह बोलकर गया था कि श्री दरबार साहिब में बरसी का कोई कार्यक्रम है। जिसमें शामिल होने के लिए जा रहे हूं। हमें इसे घटना के बारे में नहीं पता था। जो भी किया गया है, बिल्कुल गलत है। किन हालात में ऐसा कदम उठाया है, हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

आरोपी नारायण सिंह के घर पहुंचे थाना डेरा बाबा नानक के सब इंस्पेक्टर कैलाश सिंह ने बताया कि पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हमले के मामले में वह नारायण सिंह चौरा के घर पर आए है। जहां पर केवल उसकी पत्नी मौजूद है। बाकि लोग घर में नहीं थे। पारिवारिक सदस्यों से बातचीत की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल होने का लंबा इतिहास रखने वाले नारायण सिंह चौरा ने बुधवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के पूर्व प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई जब सुखबीर बादल मंदिर में गार्ड की ड्यूटी पर तैनात थे।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई है।

सुखबीर सिंह बादल के पैर में चोट लगे होने के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे है।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थी।

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