एयर इंडिया द्वारा कथित तौर पर बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में तकनीकी खराबी बताने के लिए दो केबिन क्रू मेंबर्स को निकालने को लेकर एविएशन इंडस्ट्री एम्प्लॉईज गिल्ड के महासचिव जॉर्ज अब्राहम ने शुक्रवार को सीबीआई जांच की मांग की।
जॉर्ज अब्राहम ने समाचार एजेंसी को बताया कि दो केबिन क्रू मेंबर्स को निकालने को लेकर हमने सीबीआई जांच की मांग की है क्योंकि विमान में तकनीकी खराबी बताने पर बयान बदलने का दबाव डलाकर नौकरी से निकालना एक काफी गंभीर विषय है। इससे एविएशन सेक्टर की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।
इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है।
पूरे मामले के बारे में आईएएनएस को बताते हुए अब्राहम ने कहा कि 14 मई, 2024 को मुंबई से लंदन की एयर इंडिया की उड़ान के लंदन पहुंचने के बाद विमान के दरवाजे में तकनीकी खराबी के कारण मैनुअल मोड में ही स्लाइड राफ्ट खुल गया था।
उन्होंने आगे बताया कि स्लाइड राफ्ट केवल तब ही एक्टिवेट होते हैं विमान ऑटोमेटिक मोड में हो। पायलट और पूरे केबिन क्रू ने भी शुरुआती बयानों में विमान में तकनीकी खराबी को स्वीकारा था, लेकिन एयरलाइन के मैनेजमेंट के दबाव के कारण बयान को बाद में बदल दिया गया।
अब्राहम ने बताया कि विमान में तकनीकी खराबी को दबाने के लिए एयर इंडिया के मैनेजमेंट ने इन लोगों पर बयान बदलने का दबाव बनाया और बयान न बदलने के कारण इन दोनों क्रू को नौकरी से निकाल दिया गया।
समाचार एजेंसी को आईएएनएस से बातचीत करते हुए अब्राहम ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इन दोनों क्रू ने मामले की शिकायत नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से की और सरकार एजेंसी ने दोनों को दिल्ली बुलाया और पूरे मामले को सुना। साथ ही ‘अनौपचारिक जांच’ करने की बात कही। हालांकि, आठ महीने बीत चुके हैं, लेकिन जांच का कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
अब्राहम के मुताबिक, अहमदाबाद विमान हादसे के बाद सरकार और लोगों का ध्यान इस मुद्दे पर है। इस कारण हमने इसे एक बार फिर से उठाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उम्मीद है कि इसकी जांच तेज होगी।
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