June 8, 2025
Uttar Pradesh

अयोध्या : जगद्गुरुओं के नाम पर होंगे श्रीराम मंदिर के चारों द्वार, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ऐतिहासिक बैठक में लिया गया निर्णय

Ayodhya: All four gates of Shri Ram temple will be named after Jagadgurus, decision taken in the historic meeting of Tirtha Kshetra Trust

अयोध्या, 8 जून । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर के चारों मुख्य द्वारों को देश की महान सनातन परंपरा के चार प्रमुख जगद्गुरुओं के नाम पर समर्पित किया जाएगा। यह नामकरण भारतीय दर्शन, भक्ति और वेदांत परंपरा के प्रतीक इन महापुरुषों की स्मृति को चिरस्थायी बनाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में चारों द्वारों के नाम तय किए गए।

मणिरामदास छावनी में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता महंत नृत्यगोपाल दास ने की, जिसमें ट्रस्ट के 15 में से 14 ट्रस्टियों की उपस्थिति रही। बैठक में 11 ट्रस्टी सशरीर उपस्थित हुए, जबकि गृह सचिव संजय प्रसाद, वरिष्ठ अधिवक्ता केशव पाराशरन और अयोध्या राजघराने के राजा विमलेंद्र मोहन ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे। एक पद अभी रिक्त है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि मंदिर के चार द्वार क्रमशः जगद्गुरु रामानंदाचार्य, जगद्गुरु मध्वाचार्य, जगद्गुरु शंकराचार्य, और जगद्गुरु रामानुजाचार्य के नाम पर होंगे। ये नाम भारतीय आध्यात्मिकता के चार स्तंभों के प्रतीक हैं, जिन्होंने देश के कोने-कोने में वेदांत, भक्ति और ज्ञान का प्रचार किया। मौजूदा समय में इन द्वारों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें बिड़ला धर्मशाला के सामने वाला द्वार, क्षीरेश्वर महादेव मंदिर के सामने और उसके आगे बन रहे द्वार, तथा रामकोट मोहल्ले की ओर स्थित उत्तरी द्वार शामिल हैं।

द्वारों के अलावा मंदिर परिसर के अन्य भवनों के नामकरण पर अभी विचार किया जा रहा है।

चम्पत राय ने यह भी बताया कि मंदिर के सप्त मंडप का निर्माण पूर्ण हो चुका है, और ऋषियों के साथ निषादराज, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियों की स्थापना भी संपन्न हो चुकी है। मंदिर के प्रथम तल पर स्थित श्रीराम सभा मंडप तक श्रद्धालुओं की पहुंच तभी संभव हो सकेगी, जब वहां की सीढ़ियों पर रेलिंग और लिफ्ट का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि मंदिर पर ध्वजारोहण का आयोजन नवंबर माह में प्रस्तावित है, जो एक भव्य धार्मिक अनुष्ठान के रूप में संपन्न होगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर की लगभग चार किलोमीटर लंबी परकोटा (चारदीवारी) का निर्माण, एक ऑडिटोरियम तथा तीर्थ क्षेत्र कार्यालय जैसे निर्माण कार्य आगामी एक वर्ष के भीतर पूरे किए जाने की योजना है।

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब राम मंदिर निर्माण कार्य अपने अंतिम चरणों की ओर बढ़ रहा है, और देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु इसके उद्घाटन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मंदिर के चार द्वारों का नामकरण न केवल स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे देश को अपनी धार्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

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