January 20, 2025
National

बाबा साहेब अंबेडकर ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय में लगाया अपना जीवन : लाल सिंह आर्या

Baba Saheb Ambedkar devoted his life to social, economic and political justice: Lal Singh Arya

नई दिल्ली, 6 दिसंबर । बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्ययतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली में भाजपा नेताओं ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जहां सभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके कामों को याद किया।

इस कार्यक्रम में भाजपा एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्या, भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया, मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन भाजपा दफ्तर में किया गया।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 79वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर मौजूद भाजपा एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्या ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, ”आज हम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का 79वां महापरिनिर्वाण दिवस मना रहे हैं। बाबा साहेब ने न केवल हमारे संविधान को लिखा, बल्कि उन्‍होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित किया।”

भारतीय जनता पार्टी के नेता लाल सिंह आर्या ने आगे कहा, ”उन्‍होंने अपना पूरा जीवन वंचितों, गरीबों, दलितों, शोषितों, महिलाओं और श्रमिकों के उत्थान में समर्पित कर दिया। उनके प्यार और प्रयासों के कारण इन सभी वर्गों का सशक्तिकरण हुआ और संविधान के माध्यम से उन्हें एक सुरक्षा कवच मिला।”

उन्‍होंने आगे कहा, ”मैं आज उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। बाबा साहब ने कभी अपने लिए नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए संघर्ष किया। उन्होंने गरीब और वंचित वर्गों के लिए काम किया। मैं सभी से अपील करता हूं कि हमें उनसे प्रेरणा लेकर उनके द्वारा बनाए गए संविधान का सम्मान करते हुए अपने देश को और भी ताकतवर बनाना चाहिए। हमें सामाजिक समझ, समानता और भाईचारे के साथ भारत को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए। यही बाबा साहब का संदेश है, जो उन्होंने अपने संविधान और अपने व्यक्तित्व के माध्यम से दिया।”

इस मौके पर मौजूद सभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बारे में अपने-अपने विचार रखें।

बता दें कि 14 अप्रैल 1891 को जन्‍मे बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे। उनके पिता सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। बाबासाहेब ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से पूरी की थी।

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