April 12, 2025
Uttar Pradesh

यूपी में राजकीय सम्मान के साथ धूमधाम से मनाई जाएगी बाबा साहेब की जयंती

Baba Saheb’s birth anniversary will be celebrated with pomp and state honours in UP

लखनऊ, 12 अप्रैल । उत्तर प्रदेश में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती सोमवार (14 अप्रैल) को धूमधाम से मनाई जाएगी। इसको लेकर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार के निर्देश पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। बताया गया है कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पूरे प्रदेश में गरिमा एवं राजकीय सम्मान के साथ मनाई जाएगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस विशेष अवसर पर जिलों में भव्य समारोहों, विचार गोष्ठियों एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

वहीं, जयंती से एक दिन पूर्व रविवार को प्रदेश के समस्त पार्कों एवं स्मारकों की विशेष साफ-सफाई कराई जाएगी। उन सभी पार्कों में, जहां पर महापुरुषों, राष्ट्रनायकों की प्रतिमाएं स्थापित हैं, की साफ-सफाई की जाएगी। इस अभियान में स्थानीय जनता के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी भी सहभाग करेंगे।

इसके अगले दिन यानी सोमवार को जिलों के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे। बाबा साहेब के जीवन और कृतित्व पर आधारित विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें डॉ. अंबेडकर के विचारों एवं संविधान निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित किया जाएगा।

इसको लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव ने समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्वयं इन आयोजनों में भाग लें तथा जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं विद्यार्थियों की सहभागिता भी सुनिश्चित करें।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बैसाखी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

उन्होंने कहा कि बैसाखी का त्योहार हमारी गौरवशाली परंपरा एवं समृद्ध विरासत का प्रतीक है। नई फसल के कटने से जुड़ा यह त्योहार हमारे देश की कृषक परंपराओं और समृद्ध संस्कृति का भी परिचायक है। बैसाखी के दिन दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह दिन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े उत्साह से अलग-अलग त्योहारों के रूप में मनाया जाता है। यह सभी त्योहार नववर्ष के आगमन के प्रतीक हैं।

उन्होंने कामना की है कि हर्ष और उल्लास का पर्व बैसाखी सभी के जीवन में समृद्धि और प्रसन्नता लाए।

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