रांची, 21 फरवरी । झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था की गड़बड़ियों और छात्रों-युवाओं की समस्याओं को लेकर गठबंधन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक से लेकर राइट टू एजुकेशन के तहत गरीब छात्रों को स्कूलों में दाखिला न मिल पाने के लिए सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
मरांडी ने आरोप लगाया है कि झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यह कमीशन न तो सही से परीक्षा करा पा रहा है, न ही परीक्षा के परिणाम जारी कर पा रहा है। इसके कारण युवाओं को मानसिक यातनाओं से गुजरना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हैरानी है कि सब कुछ देखते हुए भी राज्य सरकार जेएसएससी की भ्रष्ट कार्यशैली को संरक्षण दे रही है।
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, “झारखंड सरकार शिक्षा के प्रति इतनी संवेदनहीन है कि शिक्षा विभाग के लिए कोई मंत्री तक नियुक्त नहीं किया गया है, जिसका दुष्परिणाम झारखंड के गरीब छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैये का फायदा उठाकर निजी विद्यालय जमकर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं और बीपीएल छात्रों के लिए सुरक्षित सीटों पर भी नामांकन लेने से मना कर रहे हैं।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने पूर्व की हेमंत सोरेन सरकार पर झारखंड के युवाओं का हक छीनने का आरोप लगाया। मरांडी ने लिखा, “जेएमएम-कांग्रेस-राजद ठगबंधन की भ्रष्ट सरकार ने 60-40 नियोजन नीति लागू कर स्थानीय युवाओं के रोजगार का हक छीना। बेरोजगारी भत्ता और घर के एक सदस्य को नौकरी देने के नाम पर युवाओं का शोषण करने वाली इस निकम्मी सरकार को राज्य की युवा शक्ति मुंहतोड़ जवाब देगी।”
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