N1Live National बदलापुर एनकाउंटर सही, पुलिस ने आत्मरक्षा में की कार्रवाई : रामदास अठावले
National

बदलापुर एनकाउंटर सही, पुलिस ने आत्मरक्षा में की कार्रवाई : रामदास अठावले

Badlapur encounter is true, police acted in self-defense: Ramdas Athawale

नई दिल्ली, 25 सितंबर । महाराष्ट्र के बदलापुर में छोटी बच्चियों के साथ हुए यौन अपराध के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर को सही ठहराते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री, रामदास अठावले ने कहा कि इस मामले में विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “बदलापुर में कुछ दिन पहले चार साल की दो बच्चियों के साथ बलात्कार और अत्याचार हुआ था। इस मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे पकड़ा गया था। विपक्ष सहित राज्य के लोगों की मांग थी कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। यह मानवता को कलंकित करने वाली घटना थी। चार साल की बच्चियों पर जिस तरीके से अत्याचार हुआ, वह बहुत ही खतरनाक बात थी। आरोपी ने पुलिस की पिस्टल छीनकर पुलिसवालों को गोली मारने की कोशिश की थी। इसलिए पुलिस को अपने बचाव के लिए उस पर फायरिंग करनी पड़ी। इसमें आरोपी की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि इस मामले में विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए। अगर एनकाउंटर हुआ है, तो सेल्फ प्रोटेक्शन में हुआ है। उसने पुलिस की पिस्तौल छीन कर पुलिस पर हमला करने की कोशिश की, जिसकी यह प्रतिक्रिया थी। विपक्ष का सरकार पर इस तरीके से सवाल खड़े करना ठीक नहीं है। देवेंद्र फडणवीस गृहमंत्री हैं, उन्होंने पूरी जानकारी ले ली है।

बता दें कि बदलापुर में छोटी बच्चियों के साथ हुए यौन अपराध के मामले में आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते समय उसने पुलिसकर्मियों की सर्विस रिवॉल्वर छीनकर उन पर फायरिंग शुरू कर दी। अक्षय शिंदे ने एपीआई नीलेश मोरे पर तीन गोलियां चलाईं। जवाबी फायरिंग में अक्षय को गोली लगी और उसकी मौत हो गई।

इस फायरिंग में क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। सभी घायलों का इलाज ठाणे के जुपिटर अस्पताल में चल रहा है।

ज्ञात हो कि 14 अगस्त को बदलापुर में एक बच्ची ने अपने मां–पिता से बताया था कि स्कूल में उसे बैड टच किया गया है। बच्ची ने 23 वर्षीय सफाईकर्मी का नाम भी बताया था। इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी की कक्षा में पढ़ने वाली दूसरी बच्चियों के माता-पिता से संपर्क किया, तो उन्होंने भी यही बताया कि उनकी बच्ची भी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है।

इसके बाद दोनों बच्चियों को चिकित्सकीय जांच के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि दोनों के साथ बदसलूकी हुई है। दोनों बच्चियों के माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाए उन्हें कई घंटे तक बाहर बैठाकर रखा और आश्वस्त किया कि घटना की जांच की जा रही है। आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मामले में जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार किया गया।

इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश दिखा। आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस घटना को लेकर राज्य में हिंसात्मक स्थिति भी देखने को मिली। इसे देखते हुए 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया।

Exit mobile version