July 15, 2025
National

बालासोर छात्रा मौत मामला: भक्त चरण दास ने की न्यायिक जांच और दोषियों को कड़ी सजा की मांग

Balasore student death case: Bhakta Charan Das demands judicial investigation and strict punishment to the culprits

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने मंगलवार को बालासोर में छात्रा की आत्मदाह की घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की और दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि छात्रा ने अपनी शिकायतें विधायक, सांसद, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई थीं, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। छात्रा ने 15 दिन पहले एक वीडियो जारी कर अपनी आपबीती बताई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने सवाल उठाया कि लोकतंत्र और संविधान वाले देश में जहां सभ्यता और मानवता होनी चाहिए, वहां एक छात्रा को जलकर मरने के लिए छोड़ दिया गया। सीसीटीवी में सब कुछ रिकॉर्ड होने के बावजूद उसे जलने दिया गया। यह कितना बड़ा अन्याय है?

भक्त चरण दास ने इस घटना के विरोध में 17 जुलाई को पूरे ओडिशा में बंद का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि आठ राजनीतिक दल इस बंद में शामिल होंगे और सभी समान विचारधारा वाले दलों से इसमें हिस्सा लेने की अपील की गई है। साथ ही, सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को बंद रखने और शाम को हर शहर में मोमबत्ती जलाकर मृत छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया गया है।

दास ने मांग की है कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रा के उत्पीड़न में शामिल लोग बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी से जुड़े थे, जिसके कारण उन्हें संरक्षण मिला। उन्होंने कहा कि छात्रा की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया, क्योंकि आरोपी का एबीवीपी से मजबूत रिश्ता था। यह गलत है।

भक्त चरण दास ने शिक्षा मंत्री पर भी जुबानी हमला किया, जिन्होंने कॉलेजों में नियमित प्रिंसिपल नियुक्त नहीं किए। दास ने मांग की कि शिक्षा मंत्री को तुरंत हटाया जाए और दोषी विधायकों और सांसदों को पार्टी से निष्कासित किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि जब एक छात्रा अपने शिक्षक के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत करती है, तो उसे सहारा देना चाहिए। मुख्यमंत्री तक को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। हम चाहते हैं कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और दोषियों को सजा मिले।”

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