कांगड़ा जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ट्रैकिंग गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने शरद ऋतु के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं।
करेरी, त्रिउंड और आदि हिमानी चामुंडा जैसे लोकप्रिय मार्गों पर ट्रेकिंग के लिए अब कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से पूर्व अनुमति लेनी होगी। सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एसपी कार्यालय अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात करेगा। आईएमडी शिमला द्वारा पूर्वानुमानित मौसम की स्थिति अनुमति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आईएमडी चेतावनी या अलर्ट जारी होने पर इन मार्गों के लिए सभी पूर्व अनुमतियाँ स्वतः ही रद्द हो जाएँगी।
आदेश में धौलाधार पर्वत श्रृंखला के पास पैराग्लाइडिंग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों जैसे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पर्वतारोहण केंद्र मैक्लोडगंज और पुलिस टीमों को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है।
कांगड़ा में पर्यटन हितधारकों को पर्यटकों को प्रतिबंधों और संबंधित दंड के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया गया है। उल्लंघन करने वालों पर सीआरपीसी की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने इन आदेशों का सख्ती से अनुपालन करने पर बल दिया, जो आगामी निर्देशों तक प्रभावी रहेंगे।
चंबा: जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष मुकेश रेपसवाल ने बुधवार को चंबा जिले में अगले आदेश तक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। यह निर्णय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 34 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
अपने आदेश में रेपसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि चंबा ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए एक प्रमुख गंतव्य है। हालांकि, सर्दियों की शुरुआत के साथ, इस क्षेत्र में अचानक मौसम परिवर्तन, भारी बर्फबारी और हिमस्खलन का खतरा रहता है। पर्यटकों और साहसिक उत्साही लोगों को संभावित खतरों से बचाने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर प्रतिबंध लगाया गया है।
टूर ऑपरेटरों, गाइडों और व्यक्तियों को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है। उल्लंघन करने वालों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और अन्य लागू कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने पुलिस, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को प्रतिबंध का सख्ती से पालन करने और नियमित गश्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आपातकालीन या वैज्ञानिक अभियानों के लिए विशेष अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह आदेश सार्वजनिक सुरक्षा के हित में जारी किया गया है।