बेंगलुरु, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के सम्मान समारोह के दौरान भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच की स्टेटस रिपोर्ट में इस घटना का दोष आरसीबी मैनेजमेंट पर डाला गया है।
कर्नाटक सरकार ने रिपोर्ट में गंभीर खामियों और कुप्रबंधन की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यक्रम के आयोजक, डीएनए ने 2009 के सिटी ऑर्डर के अनुसार औपचारिक अनुमति लिए बिना ही पुलिस को 3 जून को विक्ट्री परेड के बारे में सूचित किया। परिणामस्वरूप, पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
इसके बावजूद, आरसीबी ने सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम का प्रचार किया। 4 जून को, उन्होंने सोशल मीडिया पर खुले तौर पर निमंत्रण शेयर किए। इसमें विराट कोहली की एक वीडियो अपील भी शामिल थी, जिसमें प्रशंसकों को ‘फ्री एंट्री’ वाले समारोह में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस कार्यक्रम में 3 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ उमड़ी, जो उम्मीद और भीड़ को मैनेज करने की क्षमता से कहीं ज्यादा थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि आयोजन वाले दिन दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर आयोजकों ने अचानक घोषणा कर दी कि स्टेडियम में एंट्री के लिए पास की जरूरत होगी। इसने फैंस के बीच भ्रम और दहशत का माहौल पैदा किया।
आरसीबी, डीएनए, और केएससीए प्रभावी समन्वय में विफल रहे। एंट्री गेट्स पर कुप्रबंधन और देरी से खुलने के कारण भगदड़ मच गई, जिससे सात पुलिसकर्मी घायल हो गए।
आगे की अशांति को रोकने के लिए, पुलिस ने नियंत्रित परिस्थितियों में सीमित कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी।
बता दें, तीन जून को आरसीबी ने पंजाब किंग्स को मात देकर पहली बार आईपीएल खिताब जीता था, जिसके बाद आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।