नई दिल्ली, 12 अगस्त । बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से हाथ जोड़कर माफी मांगी है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “हम उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे। मैं हाथ जोड़कर माफ़ी मांगता हूं”, और उन्होंने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए।
सखावत ने कहा, “हमने निर्देश दिया है कि हमारे अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का परम कर्तव्य है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें जवाब देना होगा कि वे सुरक्षा प्रदान करने में विफल क्यों रहे। यह हमारे धर्म का भी हिस्सा है कि हमें अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों से माफ़ी मांगता हूं।”
उन्होंने कहा कि देश अराजकता की दौर से गुज़र रहा है। पुलिस खुद अच्छी स्थिति में नहीं है, इसलिए “मैं बड़े पैमाने पर समाज से आग्रह करता हूं” कि उनकी रक्षा करें। वे हमारे भाई हैं और हम सभी एक साथ बड़े हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिन्दू, दलित और दूसरे अल्पसंख्यकों पर दंगाइयों ने बड़े पैमाने पर अत्याचार किया है। हिन्दुओं के मंदिरों तक को नहीं छोड़ा गया। सोशल मीडिया पर इन घटनाओं के कई वीडियो वायरल हुए हैं।
बांग्लादेश में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हिंदू भारत आना चाहते हैं। वहीं, उन पर हो रहे हमलों को लेकर भारत के साधु-संतों में भी भारी रोष है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि वहां के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना गत 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गईं। अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को दी गई है।