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बांग्लादेश हिंसा : विनोद बंसल बोले, पढ़े-लिखे लोगों के स‍िर पर भी चढ़कर बोलता है जिहाद

Bangladesh Violence: Vinod Bansal said, Jihad goes over the heads of even educated people

नई दिल्ली, 4 दिसंबर । बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही हिंसा और इस्कॉन से जुड़े संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी की विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने निंदा करते हुए वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “बांग्लादेश अब जिहादियों की जन्नत बनता चला जा रहा है। यह लोग बांग्लादेश को बर्बादी के कगार पर ले गए हैं। यह लोग कितने हिंसक और बर्बर हो गए हैं, उसको इस बात से समझा जा सकता है कि चिन्मय दास का केस कोर्ट में लड़ने वाले वकील रमन रॉय को भी नहीं छोड़ा गया। वहां हिंदुओं को न अपनी रक्षा का अधिकार है न ही कानूनी तौर पर बचाव करने का अधिकार है। वहां हिंदुओं को कोई वकील नहीं मिल रहा है। रमन रॉय केस लड़ रहे थे, तो उनके घर में घुसकर उनका हत्या का प्रयास किया गया।”

उन्होंने कहा, “अभी जानकारी मिली है कि उनके एक और सहयोगी वकील को भी मारा पीटा गया है। यह पूरा षड़यंत्र और बांग्लादेश सरकार की चुप्पी बहुत खतरनाक है। वहां मानवाधिकार संगठन कहां छुप गए, यह भी समझ नहीं आ रहा है। यूएनएचआरसी किसलिए बना है? बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री को नोबेल शांति का पुरस्कार भी मिला है। समझ नहीं आ रहा है कि वह कैसी शांति चाहते हैं। यह पुरस्कार उन्हें किसने दे दिया, इस पर भी अब सवाल उठ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में अब अति हो चुकी है। अति सर्वत्र वर्जते। वहां जिस प्रकास के इस्कॉन के साधु-संतों को डरा धमकाकर देशद्रोह का केस लगाया जा रहा है। यह बहुत ही निंदनीय है। एक और जानकारी सामने आ रही है कि जो वकील चिन्मय प्रभु का केस लड़ रहे थे, उनके ऊपर भी केस लगाकर उन्हें फंसाया जा रहा है। वहां हिंदुओं को वैधानिक शरण लेने का भी अधिकार नहीं है। वकीलों के ऊपर हमला होने के बाद भी वहां की बार काउंसिल सोई हुई है।”

उन्होंने कहा, “मुझे यह समझ नहीं आता। जिहाद पढ़े-लिखे लोगों के भी सिर चढ़कर बोलता है। भारत के न्यायिक सिस्टम में उच्चतम न्यायालय एक आतंकवादी के लिए रात तीन बजे तक सुनवाई करता है। दूसरी तरफ बांग्लादेश में अन्याय के खिलाफ खड़े होने वाले व्यक्ति के वकील तक को घर में घुस कर मारा जाता है। यह बहुत निंदनीय है।”

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