राज्य के पूर्व गृह मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को आगाह किया है कि यदि पार्टी में अनिर्णय का माहौल बना रहा तो आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ सकता है।
मंगलवार को रोहतक में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पार्टी संगठन की कमी, गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नेताओं को टिकट आवंटन, सत्ता विरोधी लहर और राज्य के नेताओं के अति आत्मविश्वास के कारण कांग्रेस को हालिया विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस को पार्टी नेतृत्व की अनिर्णायकता की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अगर वे अपने तौर-तरीके नहीं सुधारेंगे तो पराजय जारी रहेगी।” एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री ने कहा कि चूंकि कांग्रेस के अधिकांश विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे के प्रति निष्ठा रखते हैं, इसलिए उन्हें (हुड्डा को) कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “लेकिन इसके साथ ही पार्टी को सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा या उनकी पसंद के किसी व्यक्ति को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संतुलन बनाना होगा।” बत्रा ने किसान आंदोलन के दौरान और उसके बाद हरियाणा-दिल्ली सीमा पर स्थित गांवों से 700 लड़कियों के लापता होने के आरोप की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
बत्रा ने कहा, “इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। हालांकि, अगर भाजपा सांसद राम चंद्र जांगड़ा द्वारा लगाए गए आरोप झूठे पाए जाते हैं, तो उन्हें राज्यसभा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में शीर्ष राष्ट्रीय प्राधिकारियों को पत्र लिखेंगे।
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