नांगल बांध से हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी छोड़े जाने को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच तनाव गुरुवार को फिर बढ़ गया, जब भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी सुबह लोहंद नियंत्रण कक्ष पहुंचे और 200 क्यूसेक पानी छोड़ दिया।
पंजाब सरकार ने कथित तौर पर अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी या कोई मांगपत्र नहीं दिया था। हरकत में आए राज्य के अधिकारियों ने तुरंत पड़ोसी राज्य को पानी का प्रवाह रोक दिया।जब त्रिपाठी नंगल पहुंचे, तब तक प्रदर्शनकारी और पुलिस वहां पहले से ही मौजूद थे और वह जल विनियमन कार्यालय तक नहीं पहुंच पाए। कथित तौर पर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने त्रिपाठी को सतलुज सदन में इंतजार करने को कहा, जबकि उन्होंने पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनकी बैठक की व्यवस्था की थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस भी नंगल पहुंचे। सतलुज सदन विश्राम गृह के बाहर करीब 200 प्रदर्शनकारी जमा हुए, जहां त्रिपाठी बैठे थे। उन्होंने हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने के प्रयास का विरोध किया। काफी देर बाद बीबीएमबी चेयरमैन को पुलिस ने उनकी कार तक पहुंचाया, जिसके बाद वे नंगल से चले गए।
सीएम मान की अगुआई वाली पंजाब सरकार ने त्रिपाठी द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के प्रयास पर कड़ी आपत्ति जताई है। हरियाणा का पक्ष लेने के लिए केंद्र और बीबीएमबी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “देश के लिए ऐसे महत्वपूर्ण समय में भाजपा पंजाब के साथ तुच्छ राजनीति कर रही है। यह शर्मनाक है कि वे राष्ट्रीय संकट की घड़ी में अवसर तलाश रहे हैं। भाजपा को हमें बताना चाहिए कि पंजाब को देश की सीमाओं की रक्षा करनी चाहिए या अपने नदियों के पानी की रक्षा करनी चाहिए।” उन्होंने आप कार्यकर्ताओं से वहां निगरानी रखने को कहा।