ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने यहां खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) के कार्यालय के कर्मचारियों पर एक काल्पनिक गांव में विकास कार्य दिखाकर सरकारी धन हड़पने का आरोप लगने के बाद जांच शुरू कर दी है। 24 जनवरी को विभाग के निदेशक परमजीत सिंह ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी पैनल का गठन किया था।
जालंधर के डिवीजनल डिप्टी डायरेक्टर अमरदीप सिंह गुजराल और मुक्तसर के एडीसी (डी) गुरदर्शन सिंह कुंडल की सदस्यता वाले पैनल को यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि क्या नया गांव जानबूझकर बनाया गया था या यह किसी चूक के कारण हुआ।
आरोपों के अनुसार, अधिकारियों के एक समूह ने एक काल्पनिक गांव में विकास कार्यों पर लाखों रुपये खर्च दिखाए, जिसका नाम क्षेत्र के एक अन्य गांव से मिलता जुलता था। धनराशि “न्यू गट्टी राजो के” गांव के नाम पर निकाली गई, जबकि वास्तविक नाम “नवी गट्टी राजो के” था।
गुजराल ने कहा कि उन्होंने एडीसी (विकास), कार्यकारी अभियंता पंचायत राज और लोक निर्माण विभाग के अलावा जिला परिषद के उप निदेशक को अलग-अलग पत्र जारी कर उन्हें नवी गट्टी राजो के गांव का दौरा कर वहां किए गए विकास कार्यों की जांच करने और सात दिनों के भीतर तस्वीरों के साथ रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
कथित घोटाले का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता गुरदेव सिंह ने किया। गुरदेव सिंह ने बताया, “ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, विभाग ने इस मामले में लाखों रुपये की लागत से 55 प्रोजेक्ट पूरे किए। इन कामों में एक प्राइमरी स्कूल में नया पार्क बनाना, गांव की एक गली में इंटरलॉकिंग टाइलें बिछाना शामिल है, जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है।”
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