राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में आयोजित सीमांत क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की अध्यक्षता की जिसमें उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड के युवाओं ने भाग लिया
राज्यपाल ने युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने में नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “युवा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होते हैं और उनकी ऊर्जा, विचार और उत्साह ही देश के भविष्य को आकार देने में मदद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम एक बेहतरीन मंच है जो न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को एक साथ लाता है बल्कि सांस्कृतिक अंतर को भी पाटता है और एकता और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा, “देवभूमि के रूप में भी जाने जाने वाले हिमाचल के युवाओं ने सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए और दुश्मनों के खिलाफ राष्ट्र की रक्षा करते हुए असाधारण वीरता और बहादुरी का प्रदर्शन किया है।”
राज्यपाल ने युवाओं से शांति, सद्भाव और प्रगति के दूत बनने का आग्रह किया और नेहरू युवा केंद्र संगठन से युवाओं को सशक्त बनाने और उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए अपने सराहनीय प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल लोगों को सैनिकों के बलिदान को स्वीकार करने के अलावा उनकी चुनौतियों को समझने और उनके साथ एकजुटता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है।
उन्होंने सुझाव दिया कि मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने के लिए अभियान तेज किए जाने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने नशा मुक्त राष्ट्र की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने युवाओं से नशीली दवाओं के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया और ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया जो इस बढ़ती हुई समस्या से प्रभावी ढंग से निपटें।
नेहरू युवा केंद्र संगठन हिमाचल प्रदेश की निदेशक ईरा प्रभात ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र शिमला की जिला युवा अधिकारी मनीषा शर्मा भी उपस्थित थीं।
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