नई दिल्ली, 10 दिसंबर कर्नाटक के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अरविंद लिंबावली ने कहा कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम. कृष्णा जब भाजपा में शामिल हुए तो उनके समर्थन से पार्टी को बहुत लाभ हुआ। गौरतलब है कि मंगलवार को एस एम. कृष्णा का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। निधन का कारण आयु संबंधी बीमारियां हैं।
अरविंद लिंबावली ने कहा, “2018 के चुनाव में हमने 104 सीटें जीती, और बी.एस. येदियुरप्पा फिर से मुख्यमंत्री बने। एस एम. कृष्णा जी का योगदान काफी बड़ा है। वह बहुत ही विजनरी लीडर थे। बेंगलुरु के विकास के लिए उनका योगदान काफी ज्यादा है। बेंगलोर में जो हम सॉफ्टवेयर कंपनी देख रहे हैं यह उनके विजन की देन है।”
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा कि एस एम. कृष्णा ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। अगर बेंगलुरु में कोई विकास हुआ है तो वह एस.एम. कृष्णा की वजह से हुआ है। हमने एक महान नेता खो दिया है।
पूर्व विदेश मंत्री भी रहे एस एम कृष्णा ने मंगलवार तड़के बेंगलुरू स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनका उम्र संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। उन्होंने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और इस दौरान उन्होंने बेंगलुरू को वैश्विक आईटी हब में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूपीए सरकार के तहत 2009 से 2012 तक विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने एक प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल (2004-2008) और कर्नाटक विधानसभा का अध्यक्ष (1989-1993) पद भी संभाला।
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कृष्णा ने वैचारिक मतभेदों का हवाला देते हुए 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ज्वाइन कर ली थी। वह अपनी सेवानिवृत्ति तक कर्नाटक की राजनीति में मार्गदर्शक बने रहे। उनके योगदान के सम्मान में, उन्हें 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
1 मई, 1932 को कर्नाटक के मद्दुर में जन्मे कृष्णा ने मैसूर के महाराजा कॉलेज और बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद टेक्सास के सदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी और वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से एडवांस डिग्री हासिल की। प्रतिष्ठित फुलब्राइट स्कॉलरशिप प्राप्तकर्ता कृष्णा अपने समय के सबसे सफल नेताओं में से एक थे।