हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने बुधवार को सिरसा में कबीर जयंती समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की तुलना डॉ. बीआर अंबेडकर से करके विवाद खड़ा कर दिया।
सभा को संबोधित करते हुए बेदी ने सीएम का जोरदार स्वागत करते हुए कहा, “हमारा भाग्य विधाता आ गया है। हमने भले ही अंबेडकर को न देखा हो, लेकिन अगर हरियाणा में उनके जैसा कोई है, तो वह नायब सिंह सैनी हैं।” इस बयान का एक वीडियो जल्द ही वायरल हो गया, जिसके बाद राजनीतिक विरोधियों और नागरिकों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई।
इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने बेदी की तुलना की निंदा की। वरिष्ठ आईएनएलडी नेता प्रकाश भारती ने इस टिप्पणी को “बेहद अनुचित और अपमानजनक” करार देते हुए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की।
भारती ने कहा, “बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता थे और उन्होंने अनुसूचित जातियों और पिछड़े समुदायों को अधिकार और आरक्षण दिया। उनके प्रयासों के कारण ही सैनी और बेदी जैसे नेता आज सत्ता में हैं। अंबेडकर से किसी की तुलना करना न केवल गलत है, बल्कि पाप भी है।”
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसी तरह की राय जाहिर की। कमल कुमार बरारा नाम के एक यूजर ने टिप्पणी की, “नायब सैनी भले ही आपके नेता हों, लेकिन उनकी तुलना डॉ अंबेडकर से नहीं की जा सकती, जिन्होंने भारत को उसका संविधान दिया।”
दिलचस्प बात यह है कि बेदी के भाषण का विवादित हिस्सा उनके आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड नहीं किया गया। हालांकि, उनके संबोधन के अन्य हिस्से, जो अभी भी उनके फेसबुक पेज पर मौजूद हैं, में बेदी को समाज सुधारकों को सम्मानित करने के लिए भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए दिखाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा कबीर, वाल्मीकि, डॉ अंबेडकर और शहीद उधम सिंह की जयंती मना रही है, जो पिछली सरकारों ने कभी नहीं किया।’’
उन्होंने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा शुरू की गई समावेशी नीतियों को जारी रखने के लिए सीएम सैनी को श्रेय दिया। बेदी ने कहा, “वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) समुदाय आपका धन्यवाद करता है। आने वाली पीढ़ियां आपके प्रयासों को याद रखेंगी।”
कार्यक्रम का आयोजन पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने किया था और इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली और कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा सहित प्रमुख भाजपा नेताओं ने भाग लिया।
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