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नासिक कुंभ से पहले महंत राम किशोर दास की मांग, कहा- प्रयागराज महाकुंभ की तरह हों इंतजाम

Before Nashik Kumbh, Mahant Ram Kishore Das demanded that arrangements should be made like Prayagraj Maha Kumbh

महाराष्ट्र के नासिक में 2027 में होने वाले कुंभ को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एक बैठक होने वाली है। इस बैठक को लेकर अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अखाड़ा के महंत राम किशोर दास शास्त्री महाराज का बयान आया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बैठक के लिए सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है

अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अखाड़ा के महंत राम किशोर दास शास्त्री महाराज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि 1 जून को आयोजित होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा शाही स्नान की तारीख का ऐलान किया जाएगा। इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से इस संबंध में पत्र भेजा गया है और ऐसी हमें जानकारी मिली है। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। यह भी पता चला है कि 1 तारीख को होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री मौजूद रहेंगे।

उन्होंने कहा, “कुंभ मेला 12 वर्षों में एक बार आता है और यह आयोजन शानदार, स्वच्छ और सुव्यवस्थित होना चाहिए। प्रयागराज महाकुंभ इसका उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां करीब 45 दिनों में करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और स्नान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह मेला विश्व में मिसाल बन गया। उसी तरह नासिक कुंभ को भी वैसी ही योजना और आदर्श व्यवस्था के साथ संपन्न करना चाहिए।”

महंत राम किशोर दास शास्त्री महाराज ने कहा, “हमारा अनुमान है कि इस बार 15 से 20 करोड़ श्रद्धालु नासिक कुंभ में सम्मिलित हो सकते हैं। साल 2015 के कुंभ में जमीन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण हमारे करीब 100 से 150 खालसा अखाड़े बिना शिविर लगाए वापस लौट गए थे। प्लॉट की कमी, वर्षा और जलभराव के कारण भारी कठिनाइयां हुई थीं। इस बार कम से कम 700 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, ताकि 830 से अधिक अखाड़े और 1,000 महामंडलेश्वरों के लिए व्यवस्था की जा सके।”

उन्होंने यह भी कहा कि आगामी मीटिंग (1 जून) के लिए स्थानीय संतों और वरिष्ठ संतों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जिन्होंने पूर्व के कुंभों का संचालन अनुभव किया है। प्रशासन की ओर से कोई सूचना, निमंत्रण पत्र या संवाद अब तक नहीं किया गया है। नासिक और त्र्यंबकेश्वर दोनों जगहों पर कुंभ होता है, लेकिन नासिक का आधिपत्य भी विशेष है। यहां के 3 प्रमुख अखाड़े संख्या में अन्य 10 अखाड़ों के बराबर हैं।

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