कसौली की धृति राणा, मात्र 10 साल की उम्र में, यह साबित कर रही हैं कि अनुशासन और समर्पण की कोई सीमा नहीं होती। सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल, कसौली की छठी कक्षा की छात्रा, दो साल की छोटी सी उम्र से ही योगासन का प्रशिक्षण शुरू कर चुकी हैं और धीरे-धीरे योगासन के दुर्लभ लेकिन फलदायी क्षेत्र में अपनी जगह बना रही हैं—एक ऐसी विद्या जो शरीर और मन को एक सूत्र में पिरोकर शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देती है।
धृति ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ द्वारा हमीरपुर स्थित करियर पॉइंट विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य योगासन खेल चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया। कल शाम संस्थान में आयोजित एक विशेष समारोह में उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
योग के प्रति उनका जुनून उनकी माँ रेणु राणा से उपजा है, जिन्होंने उन्हें सबसे पहले इस अभ्यास से परिचित कराया और आज भी उनका मार्गदर्शन करती हैं। वर्षों से, योग प्रशिक्षक शशि डोगरा के कुशल मार्गदर्शन में धृति के कौशल को और निखारा गया, साथ ही शालिनी से अतिरिक्त पेशेवर प्रशिक्षण भी मिला, जिसने उन्हें प्रतिस्पर्धी योगासन के लिए तैयार किया।
उनकी लगातार कड़ी मेहनत उन्हें कई बार राष्ट्रीय मंच पर ले जा चुकी है। उन्होंने फिरोजपुर (अक्टूबर 2022), ऊना (नवंबर 2024) और पंचकुला (दिसंबर 2024) में पाइथियन राष्ट्रीय खेलों में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। यह एक अनूठा आयोजन है जिसमें संगीत, नृत्य, कविता, एथलेटिक्स और कुश्ती सहित सांस्कृतिक और खेल प्रतियोगिताओं का मिश्रण होता है।
चैंपियनशिप के अलावा, धृति ने हिमाचल प्रदेश और उसके बाहर कई रियलिटी शो में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उनके पिता रवि राणा भी उनके साथ इन टूर्नामेंटों में जाते हैं और उनमें आत्मविश्वास भरते हैं। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, धृति अपनी पढ़ाई के साथ-साथ रोज़ाना तीन घंटे योगाभ्यास करती हैं, जो उनके अनुशासन और जुनून दोनों को दर्शाता है।
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