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22 जनवरी की तृणमूल रैली स्थगित कराने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट पहुँची बंगाल भाजपा

Bengal BJP reaches Calcutta High Court to postpone Trinamool rally of January 22

कोलकाता, 17 जनवरी । पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी ने 22 जनवरी को होने वाली तृणमूल कांग्रेस की रैली को स्थगित करने की मांग करते हुए बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

अधिकारी ने अपनी याचिका में अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य भर में सशस्त्र बलों के जवानों की तैनाती के लिए हाई कोर्ट के हस्तक्षेप की भी मांग की।

विपक्ष के नेता ने तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल में विभिन्न धार्मिक त्योहारों के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई हैं और इसे ध्यान में रखते हुए ऐसी सावधानियां आवश्यक हैं।

न्यायमूर्ति हरीश टंडन की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अधिकार की याचिका स्वीकार कर ली है और गुरुवार को सुनवाई होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी धर्मों के बीच एकता का संदेश फैलाने के उद्देश्य से 22 जनवरी को कोलकाता में “सद्भाव रैली” की घोषणा मंगलवार को की थी।

उन्होंने कहा था, “सद्भावना रैली किसी अन्य आयोजन का प्रतिकार नहीं है। साधु-संतों के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैं हमेशा उनकी बात सुनती हूं। हम सभी धर्मों की एकता का संदेश फैलाने के लिए रैली का आयोजन कर रहे हैं, क्योंकि अगले दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है।”

इस बीच, राज्य भाजपा इकाई ने दावा किया है कि रैली वास्तव में राज्य में लोगों के बीच विभाजन पैदा करने का एक प्रयास है।

लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा इस कार्यक्रम को रोकने का प्रयास कर रही है क्योंकि वह रैली के प्रति संभावित जनसमर्थन से डरी हुई है।

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