कोलकाता, कोयला तस्करी मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नई दिल्ली में तलब किए गए पश्चिम बंगाल के 8 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 5 अधिकारियों में से कुछ की संपत्ति केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि कोयला तस्करी के सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला से पूछताछ के दौरान इन अधिकारियों के नाम सामने आने पर उन सभी को तलब किया गया है। फिलहाल, सभी ईडी की हिरासत में हैं।
इन सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को 21 अगस्त से 31 अगस्त तक अलग-अलग तारीखों पर नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय पहुंचने के लिए कहा गया है।
सूत्रों ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से उनकी संपत्ति के बारे में पूछताछ की जाएगी और उनसे संपत्ति की खरीद के लिए आय के स्रोतों का भी पता लगाया जाएगा।
इस संबंध में ईडी द्वारा तलब किए गए महत्वपूर्ण आईपीएस अधिकारियों में से एक आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक और राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ज्ञानवंत सिंह हैं, जो दूसरी बार पूछताछ का सामना करेंगे।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि ज्ञानवंत सिंह से पहले तब पूछताछ की गई, जब कोयला तस्करी का मामला सामने आया था। उनसे जानने की कोशिश की गई कि राज्य पुलिस के तत्कालीन अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के रूप में, क्या उन्हें इस मामले में रेंज डिप्टी इंपेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों से कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई थी।
वहीं, राज्य की इंटेलिजेंसी ब्रांच के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव मिश्रा से पूछताछ कर ईडी यह पता लगाएगी कि क्या इस मामले में कोयले की तस्करी पर उन्हें कोई खुफिया जानकारी मिली थी।
वर्तमान में ट्रैफिक डिविजन के डिप्टी इंस्पेक्टर जर्नल सुकेश कुमार जैन से ईडी पूछेगी कि नेशनल हाइवे के माध्यम से ट्रकों द्वारा तस्करी किए जा रहे कोयले की तस्करी से क्या वह सच में अनजान थे।
ईडी इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे) के साथ-साथ उनकी पत्नी रुजिरा से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
थाईलैंड का एक बैंक अकाउंट, जो कथित तौर पर रुजिरा के पास है, फिलहाल ईडी की जांच के दायरे में है।
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