पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के वरिष्ठ नेता और नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल विधानसभा बजट सत्र को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर यह जानकर खुशी हुई कि विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुआ। पिछले साल राज्य सरकार ने हमारे संविधान के प्रतिनिधि महामहिम राज्यपाल को आमंत्रित नहीं किया। इस वर्ष उन्होंने अपनी गलती सुधार ली है और राज्यपाल महोदय को अभिभाषण देने के लिए आमंत्रित किया है। अभिभाषण को लेकर जो पत्र राजभवन को भेजा गया था, उसमें केंद्र सरकार के खिलाफ कुछ गैरकानूनी शब्द थे, जिसका राज्यपाल ने विरोध किया था और बाद में पत्र को बदल दिया गया।
विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने एक बार फिर राज्यपाल को रेयात हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी के शपथ ग्रहण से जुड़ी जटिलताओं की याद दिलाई। शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर तृणमूल के दोनों नेताओं को विधानसभा सत्र के दौरान कक्ष में न रहने की मांग की।
अधिकारी ने आगे कहा कि मैंने सदन के दो निर्वाचित सदस्यों की भागीदारी के संबंध में माननीय राज्यपाल को एक पत्र लिखा है, जो शपथ को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। उन्हें बजट सत्र में भाग लेना है और वे उन सदस्यों की सूची में हैं, जिन्हें सदन में भाषण देना है।
गौरतलब है कि पिछले साल राज्य सरकार-राज्यपाल विवाद के कारण बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के बिना ही शुरू हो गया था। लेकिन इस बार कोई संघर्ष नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि राज्यपाल परंपरा के अनुसार भाषण देंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट सत्र से पहले विधानसभा में विधायक दल के साथ बैठक की। सत्र से पहले सरकारी पक्ष ने आगामी विधानसभा चुनाव और मौजूदा बजट सत्र के लिए अपनी रणनीति तैयार की। बंद कमरे में हुई बैठक के बाद ममता विधानसभा में चली गईं।
पश्चिम बंगाल का बजट 12 फरवरी को वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा पेश किया जाएगा। इस बार का बजट सत्र 19 फरवरी तक चलने की संभावना है।
पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री के रूप में ममता के तीसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। चूंकि अगले साल चुनाव होंगे, इसलिए सरकार को ‘लेखानुदान’ पेश करना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले इस साल के बजट में ममता सरकार नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है।