कोलकाता, 31 दिसंबर । पश्चिम बंगाल सरकार ने संसद द्वारा पारित तीन नए विधेयकों भारतीय दंड संहिता(आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (आईईए)के मद्देनजर राज्य पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों को प्रशिक्षणाधीन कर्मियों के लिए अपने कानूनी पाठ्यक्रम को अपडेट करने का निर्देश दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालयों, विशेष रूप से उनके कानूनी प्रकोष्ठों को भारतीय न्याय संहिता (आईपीसी की जगह), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय सहक्ष्य अधिनियम (आईईए की जगह) को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश भेजे गए हैं।
संयोग से, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, ब्रिटिश-भारत युग के इन तीन कानूनों के प्रतिस्थापन के खिलाफ सबसे मुखर आवाजों में से एक थी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बयान दिए थे कि प्रतिस्थापन को जल्दबाजी में आगे बढ़ाया जा रहा है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,“लेकिन चूंकि प्रतिस्थापन पहले से ही मौजूद है, इसलिए उन्हें स्वीकार करने और तदनुसार हमारे भविष्य के पुलिसकर्मियों को नए कानूनों के प्रावधानों के साथ अपडेट करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसलिए, पुलिस प्रशिक्षण कॉलेजों को अपने पाठ्यक्रम में तीन नए कानूनों के प्रावधानों को शामिल करने के लिए कहा गया है।”
साथ ही, उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम में प्रतिस्थापित कानूनों के प्रावधानों को कैसे शामिल किया जा सकता है, इस पर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए दो अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “दो समितियों में से एक पुराने और नए कानूनों के बीच अंतर की पहचान करेगी, जबकि दूसरी समिति केवल इन परिवर्तनों का मार्गदर्शन करेगी जिन्हें भविष्य के पुलिस के लिए पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।”
दो समितियों में से एक उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के अधिकार क्षेत्र में होगी, दूसरी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के कानूनी सेल के अधिकार क्षेत्र में होगी।
राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा, “दोनों समितियों ने प्रतिस्थापित कानूनों के प्रावधानों के अनुसार पाठ्यक्रम में बदलावों को कैसे लागू किया जाए, इस पर अपनी-अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करने को कहा है।”