नई दिल्ली, 6 मार्च । पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ टीमों पर हमले की सीबीआई से स्वतंत्र जांच कराने का आदेश दिया गया था।
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से इस मामले में तत्काल दखल देने का आग्रह करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया।
सिंघवी ने तात्कालिकता के बारे में बताते हुए कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ही राज्य पुलिस को मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
इस पर, न्यायमूर्ति खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ से निर्देश प्राप्त करने के लिए शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार (न्यायिक) से संपर्क करने को कहा। .
इससे पहले दिन में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने स्वतंत्र सीबीआई जांच का आदेश दिया और पश्चिम बंगाल पुलिस को हमले के मास्टरमाइंड शेख शाहजहां को सीआईडी की हिरासत से निकालकर केंद्रीय जांच दल को सौंपने का निर्देश दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की स्वतंत्र सीबीआई जांच की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था।
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