कोलकाता, 7 दिसंबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं।
कुणाल घोष ने अपने बयान में कहा कि ममता बनर्जी के लिए बंगाल पहली प्राथमिकता है। बंगाल को वह प्यार करती है, बंगाल में ही उनका जन्म हुआ है। वह अपना पूरा जीवन बंगाल में बिताना चाहती हैं। उनका अभी दिल्ली में कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी लेने का इरादा नहीं है। लेकिन अगर कोई उन्हें कोई जिम्मेदारी दी जाती है तो वह बंगाल में बैठ कर इंडी गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में टीएमसी ही एक ऐसी पार्टी है, जो भाजपा का विरोध कर रही है। बंगाल में विगत चुनाव में सीपीआई (एम) और कांग्रेस ने मिलकर वोट बंटवारा की राजनीति की थी। वो भाजपा को ऑक्सीजन दे रहे थे। ऐसे में भाजपा को रोकने के लिए टीएमसी को बंगाल में सीपीआई (एम)और कांग्रेस की जरूरत नहीं है। भाजपा 2021 का चुनाव हारी, 2023 का पंचायत चुनाव हारी, 2024 में टीएमसी की सीट बढ़ी और भाजपा की सीट कम हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में जो मॉडल ममता बनर्जी ने भाजपा को रोकने के लिए खड़ा किया है, उसे इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना चाहिए, जिससे भाजपा को रोका जाए। बंगाल में भाजपा को हमने रोका तो झारखंड में हेमंत सोरेन ने रोका। लेकिन जहां पर कांग्रेस की बात आती है, वहां उनको इसपर विचार विमर्श करना चाहिए कि क्यों महाराष्ट्र और हरियाणा का चुनाव कांग्रेस हार रही है।
टीएमसी विधायकों ने महुआ मोइत्रा पर गुटबाजी को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए सीएम ममता बनर्जी से शिकायत की है। जिसको लेकर कुणाल घोष ने कहा कि ये पार्टी का अंदरूनी विषय है, अगर ऐसा कुछ है तो हमारे नेता उसे देख रहें है और सही समय पर आने पर सबको सही जानकारी मिल जाएगी।
भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें मोहम्मद युनुस ने शांति का नोबेल पीस प्राइज वापस लेने को कहा है। जिसको लेकर कुणाल घोष ने कहा कि उनको कहिए एक और चिट्ठी लिखें और उसमें लिखें की दिलीप घोष को नोबेल पीस प्राइज दिया जाए, क्योंकि उन्होंने गाय के दूध से सोना निकालने का फार्मूला बताया है। विज्ञान में उनका बड़ा योगदान है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने कहा कि हम लोग बार बार बोल रहे है कि जो बांग्लादेश में हो रहा है वह बहुत दुख की बात है। ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि हम एक राज्य है, हमारा एक दायरा है, सीमा है। इसपर केंद्र सरकार कदम उठाए, हम उसको सपोर्ट करेंगे। लेकिन अभी तक इस पर केंद्र सरकार कुछ नहीं किया है न ही संसद में कोई बात उठाई है। ये केंद्र की भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है।
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