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‘मिनी कश्मीर बनने की कगार पर बंगाल’, विवेक रंजन अग्निहोत्री ने की ममता सरकार की आलोचना

'Bengal on the verge of becoming a mini Kashmir', Vivek Ranjan Agnihotri criticized Mamata government

निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की अपकमिंग फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स: बंगाल चैप्टर’ सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है। इस बीच, अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की। विवेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सात कारण गिनाते हुए कहा है कि ममता बनर्जी सरकार ने बंगाल को “मिनी कश्मीर” बनाने की हालत में खड़ा कर दिया है। उन्होंने लिखा, “सावधान, ममता बनर्जी सरकार के नेतृत्व वाले पश्चिम बंगाल के बारे में चिंतित होने के सात कारण सामने आ चुके हैं।

पहला, बंगाल में सरकार द्वारा प्रायोजित डेमोग्राफिक परिवर्तन वास्तविक है। दूसरा, डेमोग्राफिक परिवर्तन के कारण बंगाल का विभाजन 1905 में सांप्रदायिक आधार पर हुआ था। तीसरा, ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ पर 40 हजार हिंदुओं की हत्या की गई और इसकी वजह थी डेमोग्राफी। नोआखली में हजारों हिंदुओं की हत्या की गई और महिलाओं का बलात्कार किया गया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और ये भी डेमोग्राफी की वजह से हुआ।”

उन्होंने डेमोग्राफी को विभाजन की वजह बताते हुए लिखा, “डेमोग्राफिक परिवर्तन के कारण रक्तरंजित और बर्बर विभाजन हुआ। बंगाल में सभी को पता है कि कुछ राजनीतिक माफियाओं के पास डेमोग्राफी को बदलने और ममता सरकार और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सहयोग की वजह से उनके पास वोट बैंक बदलने का ठेका भी है। एक बार फिर, बंगाल मिनी कश्मीर बनने की कगार पर खड़ा है। ”निर्देशक सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं

और अपनी अपकमिंग फिल्मों से जुड़े पोस्ट भी शेयर करते रहते हैं। इससे पहले एक पोस्ट में उन्होंने बताया था, ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने व्यथित किया, तो ‘द दिल्ली फाइल्स’ आपको झकझोर देगी। कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की कहानी वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के तीन साल पूरे होने के अवसर पर उन्होंने ‘द दिल्ली फाइल्स’ का भी जिक्र किया और कहा कि उनके जीवन का मिशन इन फिल्मों के जरिए इतिहास के सच को सामने लाना है।

विवेक रंजन का कहना है कि अगर कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और विस्थापन की कहानी को देखकर लोग आहत हुए तो ‘द दिल्ली फाइल्स’ उन पर और गहरा असर डालेगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए अग्निहोत्री ने कैप्शन में लिखा था, “उन्होंने मुझे चुप कराने की कोशिश की। उन्होंने इतिहास को मिटाने की कोशिश की। लेकिन ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक आंदोलन बन गया, जिसने देश को हिलाकर रख दिया और कश्मीरी हिंदू नरसंहार की सच्चाई को उजागर किया।

”निर्देशक ने बताया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ उनके लिए एक फिल्म से बढ़कर है। उन्होंने लिखा, “‘द कश्मीर फाइल्स’ एक फिल्म से कहीं बढ़कर थी, यह एक क्रांति थी, बेजुबानों की आवाज और न्याय के लिए एक अथक लड़ाई थी। ”अपनी अपकमिंग फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ का जिक्र करते हुए विवेक रंजन ने लिखा, “अगर ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने आपको व्यथित किया है,

तो ‘द दिल्ली फाइल्स’ आपको झकझोर देगी – क्योंकि मेरे जीवन का मिशन हमारे इतिहास की काली, दबी हुई, अनकही सच्चाइयों को सामने लाना है, चाहे वे कितनी भी असहज क्यों न हों।” ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर केंद्रित एक काल्पनिक कहानी है। वहीं, अपकमिंग फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स: बंगाल चैप्टर’ 1946 के कोलकाता दंगे पर आधारित है।

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