कोलकाता, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा। वहीं, दो अन्य जांच दल कूचबिहार जिले के मेखलीगंज स्थित राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और दक्षिण कोलकाता में डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा के आवास पर उतरे।
चौथी टीम उत्तर 24 परगना जिले के बगदा स्थित चंदन मंडल उर्फ रंजन के घर पहुंची। माना जाता है कि मंडल ने घोटाले में प्रमुख मध्यस्थ के रूप में काम किया है।
ईडी के एक अधिकारी ने पुष्टि की, “ईडी के लगभग 90 अधिकारियों की कुल 13 टीमें राज्य के विभिन्न इलाकों में 13 स्थानों पर समानांतर छापेमारी कर रही हैं। प्रत्येक टीम में महिला सदस्य भी हैं और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 13 टीमें इस दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ हैं।”
पता चला है कि ईडी की टीम बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए अचानक ही छापेमारी स्थल पर पहुंच गई।
जब केंद्रीय एजेंसी की टीम वर्तमान में राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के दक्षिण कोलकाता के नकाला में सुबह लगभग 9.15 बजे उतरी, तो चटर्जी ने व्यक्तिगत रूप से छापेमारी करने वाली केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को अपने आवास में प्रवेश करने के लिए कहा।
सूचना मिलने पर स्थानीय थाने की एक टीम पार्थ चटर्जी के घर पहुंची और जनता और मीडिया को दूर रखने के लिए उनके आवास के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए।
उन्होंने कहा कि हालांकि पार्थ चटर्जी ने फोन नहीं किया, लेकिन परेश अधिकारी ने मीडिया के एक वर्ग से कहा, “मैं अभी कोलकाता में हूं। मैं गुरुवार को पार्टी के शहीद दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आया था। मुझे शुक्रवार को मेखलीगंज वापस जाना था। मैंने सुना है कि ईडी की एक टीम वहां मेरे आवास पर पहुंच गई है। लेकिन मुझे विवरण नहीं पता।”
ईडी भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ समानांतर जांच कर रहा है। सीबीआई ने इस सिलसिले में कई बार पार्थ चटर्जी, परेश चंद्र अधिकारी और शांति प्रसाद सिन्हा से पूछताछ की थी।
हालांकि ईडी ने घोटाले में मनी-ट्रेल एंगल में जांच का जिम्मा लिया था, लेकिन यह पहली बार है कि एजेंसी के अधिकारियों ने एक बार में 13 जगहों पर छापेमारी की है।