कोलकाता, 11 जुलाई । पश्चिम बंगाल में स्कूलों में नौकरी के बदले नकदी मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों ने ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट तैयार करने के लिए जिम्मेदार आउटसोर्स एजेंसी एस. बसु रॉय एंड कंपनी के दफ्तर से दो सर्वर जब्त किए हैं।
सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम गुरुवार सुबह से ही साइबर और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों के साथ उस दफ्तर में छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही है। टीम ने मंगलवार और बुधवार को भी इसी तरह की छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था।
सीबीआई के अधिकारी कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद साइबर और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं। कोर्ट ने सीबीआई को ओएमआर शीट से संबंधित डेटा फिर से प्राप्त करने के लिए किसी विशेष एजेंसी की मदद लेने की सलाह दी थी।
हालांकि, सीबीआई अधिकारी इस बात पर चुप्पी साधे हुए हैं कि क्या नई छापेमारी और तलाशी अभियान में कोई महत्वपूर्ण बरामदगी हुई है या नहीं।
हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा की सिंगल-जज बेंच के आदेश के अनुसार, विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद के लिए पूरा खर्चा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) वहन करेगा।
गौरतलब है कि 9 जुलाई को डब्ल्यूबीबीपीई के वकील ने जस्टिस राजशेखर मंथा की सिंगल-जज बेंच के सामने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2017 में लिखित परीक्षा में इस्तेमाल की गई ओएमआर शीट नष्ट कर दी गई है।
वकील ने कहा था कि यह तृणमूल कांग्रेस के विधायक और डब्ल्यूबीबीपीई के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के आदेश पर किया गया था।
डब्ल्यूबीबीपीई के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया था कि ओएमआर शीट नष्ट करने का फैसला भट्टाचार्य ने स्वतंत्र रूप से लिया था। इस मामले में बोर्ड के अन्य सदस्यों की ओर से कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था।