कोलकाता, 6 नवंबर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को राज्य संचालित स्कूलों के उन सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को नोटिस देने का निर्देश दिया, जिनकी भर्ती 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत की गई थी।
कथित स्कूल-भर्ती घोटाले से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में गठित न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और शब्बर रशीदी की नई विशेष खंडपीठ ने बुधवार को स्कूल भर्ती घोटाले से संबंधित एक प्रासंगिक मामले पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
पीठ के अनुसार, यदि इनमें से किसी भी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के पास साझा करने के लिए कोई जानकारी है या कोई प्रस्तुतिकरण है, तो वे पीठ के सामने ऐसा करने में सक्षम होंगे और इसलिए उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए।
नोटिस भेजे जाने वाले व्यक्तियों में ग्रुप सी और ग्रुप डी दोनों श्रेणियों के सभी माध्यमिक और उच्च-माध्यमिक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी शामिल हैं।
अनुमान के मुताबिक, करीब 26 हजार लोगों को नोटिस भेजा जाएगा।
विशेष खंडपीठ का गठन तब किया गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले से संबंधित सभी केस कलकत्ता उच्च न्यायालय को लौटा दिए थे।
पीठ ने बुधवार को शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को नोटिस देने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक विशेष नोडल अधिकारी की नियुक्ति का भी निर्देश दिया।
मामले में सुनवाई की अगली तारीख अगले साल 9 जनवरी को होगी और उस दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच की प्रगति पर अपनी अंतिम रिपोर्ट अदालत को सौंपेगा।
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