कोलकाता, 6 फरवरी । पश्चिम बंगाल विधानसभा के सामने सोमवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुट गए। पुलिस उन्हें जेल वैन में भरकर ले गए।
बजट सत्र के शुरुआती दिन में भाग लेने के लिए जब विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रवेश करना शुरू किया, तो पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल नौकरी घोटाला मामले के शिकार वंचित उम्मीदवारों ने प्रवेश की मांग करते हुए विधानसभा गेट के पास विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बाद में उन्हें अपनी शिकायतें बताने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की अनुमति दी गई।
मौके पर मौजूद पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को रोका तो वे सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती जेल वैन में ठूंस दिया और जेल ले गए।
बाद में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर अमानवीय तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया, “पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिला प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की और उन्हें घसीटकर जेल वैन में धकेल दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों की गर्दन भी पकड़ ली गई और उन्हें जेल वैन में खींच लिया गया।“
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने दावा किया कि उन्हें जानबूझकर उनकी वैध नौकरियों से वंचित किया गया है।
उन्होंने सवाल किया, “राज्य सरकार क्या चाहती है? क्या यह चाहती है कि हम अपनी वैध नौकरियों की मांग के लिए विरोध करते हुए अपना जीवन खत्म कर लें?”