हमीरपुर, 31 मई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि इन चुनावों में विश्वासघात सबसे बड़ा मुद्दा होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा उपचुनावों में सभी छह कांग्रेसी विधायकों को मैदान में उतारा है और वे लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का सामना करने में असमर्थ हैं।
अग्निपथ राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करता है अनुराग ठाकुर प्रादेशिक सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत थे, लेकिन फिर भी उन्होंने अग्निवीरों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का समर्थन किया, जिससे देश के युवाओं का करियर बर्बाद हो गया। अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के समान है। सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
उन्होंने आरोप लगाया, “इस बार लोगों को ईमानदार और बेईमान उम्मीदवारों में से किसी एक को चुनना होगा। कांग्रेस से निकाले गए इन छह विधायकों ने राजनीतिक आत्महत्या कर ली है और अब वे राजनीति में आगे नहीं रह पाएंगे।” उन्होंने लोगों से फिर अनुरोध किया कि ‘धन बल को जन बल से हराना होगा।’
उन्होंने लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने हाई-वोल्टेज अभियान का समापन ऊना जिले के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के समलारा गांव में अपनी अंतिम रैली को संबोधित किया। उन्होंने धर्मशाला से प्रचार शुरू किया और कांगड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल सिंह रायजादा और विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए देहरा, धर्मपुर, सुजानपुर और कुटलैहड़ निर्वाचन क्षेत्रों में छह सभाओं को संबोधित किया।
सुखू ने कहा कि भाजपा नेता हताश हो चुके हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में उनके उम्मीदवारों की हार होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भ्रमित हैं और भूल गए हैं कि उन्होंने पहले क्या कहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि हमीरपुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अनुराग थलूर भी झूठ बोल रहे हैं और भ्रामक बयान देकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में खरीद-फरोख्त हिमाचल प्रदेश की संस्कृति नहीं है, लेकिन भाजपा ने इसे यहां शुरू किया है। उन्होंने कहा कि लोग उन विधायकों को स्वीकार नहीं करेंगे, जिन्होंने स्वार्थ के लिए अपनी ईमानदारी और विश्वसनीयता बेच दी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लगातार कांग्रेस द्वारा लोगों को दी गई 10 गारंटियों के बारे में बात कर रहे हैं, ‘‘लेकिन मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि उन्हें पता होना चाहिए कि 15 महीने के शासन में 10 में से पांच गारंटियां पहले ही पूरी हो चुकी हैं और शेष गारंटियां भी जल्द ही पूरी कर दी जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करना था और यह पहली कैबिनेट बैठक में ही कर दिया गया।