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भगवंत मान ड्रिंक कर रहे और पंजाब को ड्राइव भी कर रहे : हरसिमरत कौर बादल

SAD MP Harsimrat Kaur speaks in Lok Sabha during the ongoing winter session of Parliament, in New Delhi on Tuesday, Dec. 20, 2022.

नई दिल्ली,  शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने नशे की लत के मुद्दे पर मंगलवार को आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान शराब पीकर राज्य को ‘ड्राइव’ कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत देश में नशाखोरी की समस्या और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पंजाब सरकार पर तीखा हमला बोला।

शरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने राज्य में कानून व्यवस्था पर ध्यान देते हुए मान की कथित शराब पीने की आदत की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री ऐसे हैं, तो राज्य की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पंजाब की सड़कों पर लिखा होता है कि डोंट ड्रिंक एंड ड्राइव, लेकिन पंजाब में ड्रिंक करके सरकार चल रही है।

हरसिमरत बादल, जिनका भाषण मुख्य रूप से पंजाब सरकार पर हमला करने पर केंद्रित था, उन्होंने कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि शराब और नशीले पदार्थो से पंजाब को नुकसान हो रहा है। नशीले पदार्थो के अधिक सेवन से पंजाब का युवा वर्ग नष्ट हो रहा है और यह खतरा धीरे-धीरे देश के अन्य भागों जैसे हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में भी फैल रहा है। हाल ही में गुजरात में पकड़े गए भारी मात्रा में ड्रग्स का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में नशीले पदार्थो का आतंकवाद चल रहा है।

अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला, जिन्होंने हरसिमरत बादल के साथ प्रस्ताव की शुरुआत की थी, ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि सदन में मौजूद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए हवाईअड्डों और सीमाओं पर मशीनें लगाई जाएं। औजला ने कहा कि नशीले पदार्थो की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए जिला स्तर पर पुलिसिंग बढ़ाई जाए।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान का ‘गोल्डन क्रिसेंट’ ड्रग्स का मुख्य स्रोत है और भारत में लाखों उपभोक्ता हैं। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय अगर हम एक ठोस नीति पर काम करेंगे, तभी हम इस खतरे को रोकने की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। औजला ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बच्चों और युवाओं को इस खतरे से बचाया जाए, क्योंकि यह पाया गया है कि 15 से 23 वर्ष की आयु के बीच के लोग नशीली दवाओं के दुरुपयोग में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को इस खतरे के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।

अमित शाह की बुधवार को लोकसभा में चर्चा का जवाब देने की उम्मीद है।

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