मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहा जाता है। आस्थावान महादेव की कृपा पाने के लिए व्रत करते हैं। इस दिन सूर्य कर्क राशि में रहेंगे और चंद्रमा सुबह 08 बजकर 15 मिनट से वृषभ राशि में रहेंगे, इसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर के 12 बजे से शुरू होकर 12:55 तक रहेगा और राहुकाल दोपहर के 03 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 05 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस दिन द्वादशी मंगलवार की सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। उसके बाद त्रयोदशी शुरू हो जाएगी।
भौम प्रदोष व्रत उस तिथि को कहा जाता है जो मंगलवार को पड़ती है और यह भगवान शिव के साथ-साथ मंगल ग्रह की शांति के लिए भी अत्यंत फलदायक माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से कर्ज, भूमि विवाद, शत्रु बाधा और रक्त से जुड़ी बीमारियों से राहत मिलती है। शिव पुराण के अनुसार, यदि किसी की कोई इच्छा पूरी नहीं हो रही है, तो उन्हें इस व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। इस व्रत के माध्यम से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन की तमाम समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।
इसी के साथ ही त्रयोदशी तिथि को मंगलवार पड़ रहा है। इस दिन बजरंग बली के साधक व्रत भी रख हैं। स्कंद पुराण के अनुसार मंगलवार के दिन ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। अंजनी पुत्र को प्रसन्न करने के लिए किए गए कुछ उपाय अपनाकर भक्त उनकी कृपा का पात्र बन सकते हैं। इसके लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लाल रंग का वस्त्र धारण कर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें। चौकी पर हनुमान भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं।
शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी की आरती करें। व्रत में केवल एक बार भोजन करें और नमक का सेवन न करें। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि नियमपूर्वक बजरंगबली की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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