नई दिल्ली, 5 अप्रैल । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नागपुर विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर शोमा के. सेन को जमानत दे दी। वो 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी हैं। वो लंबे समय से बीमार हैं, साथ ही उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सेन को जमानत के लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सेन को ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना महाराष्ट्र नहीं छोड़ने और जांच अधिकारी के साथ अपना मोबाइल लोकेशन साझा करने को कहा है। शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, जमानत पर रहते हुए सेन को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और अपने रहने के ठिकाने की जानकारी और मोबाइल नंबर एनआईए को सौंपने होंगे।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सेन की याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा था। सेन जून 2018 से सलाखों के पीछे हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट से बेल पेटीशन रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
दिसंबर 2021 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसी मामले में वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को डिफ़ॉल्ट जमानत दे दी थी।
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