ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में निलंबित कांग्रेस विधायकों ने शनिवार को विधानसभा के मुख्य गेट के समक्ष धरना शुरू कर दिया। वे विधानसभा परिसर में घुसना चाहते हैं, ताकि गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकें। उनकी मांग है कि महिला अत्याचार के मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति बनाई जाए और मौजूदा सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने इस धरने का नेतृत्व किया।
रामचंद्र कदम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमें सदन से निलंबित किया गया है, लेकिन विधानसभा परिसर में प्रवेश करने का हमारा हक है। हम गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहते हैं। यह सरकार तानाशाही कर रही है। वे हमारे साथ कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हमारी एक ही मांग है कि महिला अत्याचार से जुड़े मुद्दों पर विचार के लिए सदन में समिति बनाई जाए।”
उन्होंने कहा, “सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटेंगे।”
विधायक ने कहा, “हमें सस्पेंड किया है, लेकिन परिसर में जाने का अधिकार है। पहले भी सस्पेंड हुए विधायक अंदर गए थे, कोई रोक नहीं थी। अब हमारे लिए पाबंदी क्यों? यह कौन सा कानून है? हम अंदर सदन में नहीं जाएंगे, बाहर गांधी प्रतिमा के पास बैठकर प्रदर्शन करेंगे।” उनका कहना था कि सरकार उन्हें रोक रही है, लेकिन वे हार नहीं मानेंगे।
उन्होंने आगे कहा, “हम स्पीकर से बात करना चाहते हैं, लेकिन हमें गेट पर ही रोक रहे हैं। सदन के अंदर जाने नहीं दे रहे तो बात कैसे होगी? हमारी एक ही मांग है—मां, बहन और बेटियों की सुरक्षा। बेटियां असुरक्षित हैं। हम इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।”
उन्होंने सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “ये लोग हमें रोक रहे हैं। यहां से भगाएंगे। मार भी सकते हैं। पहले भी हमें उठाकर ले गए हैं। लेकिन जब तक महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा आगे नहीं बढ़ेगा, हम लड़ते रहेंगे।े।
यह धरना तब शुरू हुआ, जब निलंबित विधायकों को विधानसभा परिसर में घुसने से रोका गया। विधायकों का कहना है कि उन्हें निलंबन के बावजूद परिसर में जाने का अधिकार है। वे गांधी प्रतिमा को प्रतीक मानते हैं और वहां प्रदर्शन करके अपनी मांग को जोरदार तरीके से उठाना चाहते हैं। धरने के दौरान विधायक मुख्य गेट पर बैठे और नारेबाजी करते नजर आए। पुलिस ने सुरक्षा के लिए इलाके में बैरिकेड्स लगाए और जवानों को तैनात किया।
कांग्रेस विधायकों का निलंबन हाल ही में विधानसभा में हंगामे के बाद हुआ था। वे महिला सुरक्षा और अत्याचार के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर थे। निलंबन के बाद भी वे इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
विधायकों ने कहा, “हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। हम सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा की बात उठा रहे हैं। सरकार को जवाब देना होगा।”
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