चर्चित भलस्वा डेयरी हत्याकांड मामले में क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। क्राइम ब्रांच की टीम ने लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी वकील मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिछले करीब एक साल से पुलिस को चकमा देकर गिरफ्तारी से बच रहा था।
यह वारदात 15 अक्टूबर 2024 की है, जब भलस्वा डेयरी इलाके में गोलीबारी हुई थी। इस दौरान 19 वर्षीय नौशाद और 29 वर्षीय आसिफ गोली लगने से घायल हो गए थे। नौशाद की हालत गंभीर थी और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में थाना भलस्वा डेयरी में एफआईआर संख्या 0839/2024 दर्ज की गई थी। मामले में धारा 103 (2) भारतीय न्याय संहिता (हत्या) और शस्त्र अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी गई थीं।
जांच में आरोपियों की पहचान शकील, उसके भाई वकील और उनके साथी प्रिंस के रूप में हुई थी। इनमें से वकील घटना के बाद से फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी के लिए अदालत ने धारा 84 बीएनएसएस के तहत उद्घोषणा कार्यवाही भी शुरू कर दी थी।
क्राइम ब्रांच की एंटी-एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल (एईकेसी) के एएसआई राजीव कुमार को गुप्त सूचना मिली कि वांछित आरोपी वकील हरियाणा में दिखा है। इस पर इंस्पेक्टर अमित सोलंकी की निगरानी और एसीपी पंकज अरोड़ा के समन्वय में एसआई अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई।
9 और 10 सितंबर की दरमियानी रात टीम ने बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैप बिछाया। गुप्त सूचना के आधार पर संदिग्ध को देखा गया और उसे घेरने की कोशिश की गई। पुलिस को देखकर आरोपी भागने लगा, लेकिन टीम ने तुरंत पीछा कर उसे दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कड़ी पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने स्वीकार किया कि अक्टूबर 2024 में हुए फायरिंग और हत्या की घटना में उसकी सीधी भूमिका थी। इसके बाद उसे बीएनएसएस 2023 की धारा 35(1)(सी) के तहत औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी वकील मलिक, भलस्वा डेयरी का रहने वाला है और मृतक नौशाद पर हुए हमले का मुख्य आरोपी है। वह सब्जी बेचने का काम करता है और पालम सब्जी मंडी में ठेला लगाता है। वकील ने 10वीं तक की पढ़ाई की है, वह विवाहित है और तीन बच्चों का पिता है। इससे पहले, उसका भाई शकील इस मामले में गिरफ्तार होकर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।