October 12, 2025
National

बिहार विधानसभा चुनाव : माइक्रो ऑब्जर्वर और पीठासीन पदाधिकारियों की जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन

Bihar Assembly Elections: Medical team formed to examine micro observers and presiding officers

निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया है। यह टीम 17 और 18 अक्टूबर को संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारियों की ओर से रखे जाने वाले साक्ष्य और प्रमाण पत्रों के आधार पर उनकी जांच करेगी।

आयोग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि जो माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी गंभीर बीमारी, रोग या दिव्यांगता के कारण निर्वाचन कार्य करने में असमर्थ हैं, उन्हें सूचित किया गया है कि उनके स्वास्थ्य संबंधी विषय को लेकर चिकित्सा जांच दल का गठन किया गया है।

निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित तारीखों को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक मेडिकल टीम के सामने उपस्थित हो सकते हैं। पटना के गांधी मैदान स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में इन पदाधिकारियों की जांच की जाएगी।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियत तारीख के बाद किसी भी गंभीर बीमारी, रोग या विकलांगता के आधार पर चुनाव कार्य से मुक्त करने के लिए कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इससे पहले, बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने 9 और 10 अक्टूबर को सभी रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 243 आरओ और 1418 एआरओ ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

इस ट्रेनिंग सेशन में नामांकन प्रक्रिया, योग्यता-अयोग्यता, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी), नामांकन वापसी, प्रतीक आवंटन, मतदान के दिन की व्यवस्थाएं और मतगणना समेत चुनाव संचालन के सभी चरणों को कवर किया गया। राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर्स ने आरओ और एआरओ के शंकाओं का समाधान किया, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।

चुनाव आयोग, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 21 सहपठित धारा 24 के अनुसार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) को नामित या मनोनीत करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव कानून और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार आयोजित किए जाएं। निर्धारित अवधि के दौरान आरओ और एआरओ आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन होंगे।

आयोग मतदान से पहले सभी मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों के लिए एप्लीकेशन का ट्रायल रन भी आयोजित करेगा। ये सत्र संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की ओर से अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित राज्य क्षेत्रों में आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षण सत्रों के अतिरिक्त होंगे।

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