बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान अब जोर पकड़ चुका है। सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इस बीच, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके पिताजी और माताजी के शासनकाल को बिहार की जनता देख चुकी है। तेजस्वी भी उन्हीं के कदम पर चलेंगे, यह बिहार की जनता जानती है।
पटना में मीडिया से बातचीत में उन्होंने मगही की एक कहावत “बापे पूत पराते घोड़ा, कुछ नहीं तो थोड़ा-थोड़ा” की चर्चा करते हुए कहा कि उनके (तेजस्वी यादव) माता-पिता के जंगलराज और आतंकराज को बिहार देख चुका है। उस समय विकास का नामोनिशान नहीं था। हर तरीके से बिहार कांप रहा था।
उन्होंने आगे कहा, “नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार ने बिहार को सुधारा है। अब वे कलंक को धोने के लिए ढपोरशंखी बातें कर रहे हैं। दिखावटी घोषणा पत्र निकाल रहे हैं। बिहार की जनता का दिमाग इतना कच्चा नहीं है कि वे जंगलराज को भूल गए हैं।”
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के पिता जिस कदम पर चले थे, उसी कदम पर वे भी चलेंगे, यह बिहार की जनता जानती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि महागठबंधन का घोषणा पत्र कागजी खानापूर्ति है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उस सच्चाई तक जाने में इन्हें बहुत समय लगेगा। अभी कुछ नहीं हो सकता है।
‘जननायक’ को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर हैं। जो खुद को जननायक कह रहे हैं, वे कर्पूरी ठाकुर का अपमान कर रहे हैं। आम लोग जननायक की उपाधि देते हैं। खुद के कहने से यह नहीं होता है। उन्होंने कहा कि ये लोग कर्पूरी ठाकुर का ही नहीं, अति पिछड़ा समाज का अपमान कर रहे हैं।

