January 29, 2025
National

बिहार : आचार्य किशोर कुणाल को ‘पद्मश्री’ सम्मान, परिवार के लोगों ने जताया पीएम मोदी का आभार

Bihar: ‘Padma Shri’ honor to Acharya Kishore Kunal, family members expressed gratitude to PM Modi

बिहार के सात लोगों को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के लिए चुना गया है। जिनमें सेवानिवृत्त आईपीएस और सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कुणाल भी शामिल हैं, जिन्हें मरणोपरांत पद्म श्री दिया जा रहा है। पद्म श्री की घोषणा के बाद से आचार्य किशोर कुणाल के परिवार से न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बात की।

किशोर कुणाल की पत्नी अनीता कुणाल ने कहा, “मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि उनके काम को अब सराहा और पहचाना जा रहा है। लेकिन, उनके द्वारा किए गए कामों को पहचाने में थोड़ी देर हो गई। क्योंकि, यह सम्मान पाने के लिए वह हमारे बीच नहीं हैं। अगर थोड़ा पहले यह सम्मान उन्हें दिया जाता तो अच्छा होता। लेकिन, सरकार ने अब इसकी घोषणा की है तो सब ठीक है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है।”

किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे पिता के काम को पहचाना और उन्हें सम्मानित किया। इसलिए हम उनके प्रति विशेष आभारी हैं। उन्होंने कहा कि पद्म पुरस्कारों प्रक्रिया को देखते हुए जिस तरह से बहुत कम समय में पीएम मोदी ने पिताजी के काम को संज्ञान में लेते हुए उन्हें सम्मान दिया है, इसके लिए मैं उनका विशेष रूप से आभार जताना चाहता हूं।

किशोर कुणाल की बहू और सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि मैं भारत सरकार, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। यह पल हम सभी के गौरव का क्षण है। पिताजी के अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाना है। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उनके बच्चे होने के नाते हमारा धर्म है कि हम उनके दिखाए मार्गों पर चलें और उनके अधूरे सपने को पूरा करें।

बता दें कि पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल ने सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लिया था। वह बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर न्यास के सचिव के रूप में कार्यरत थे। उनकी सेवा और योगदान से समाज में महत्वपूर्ण बदलाव आए।

किशोर कुणाल के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़ा हुआ था। वह अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे और बाबरी मस्जिद विवाद में मध्यस्थ की भूमिका भी निभाई थी।

किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में हुई थी। इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत का अध्ययन किया और 1970 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1983 में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की। उसके बाद वह पुलिस सेवा से जुड़ गए और कई बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दी।

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